आमतौर पर ये माना जाता है कि औरतें मास्टरबेशन नहीं करती। लेकिन सच
इसके एकदम परे है। महिलाएं मास्टरबेशन को एंज्वॉय भी करती हैं और इससे उनकी
सेक्स लाइफ भी बेहतर होती है।ये भी माना जाता है कि जो महिलाएं
मास्टरबेशन करती हैं वे अपनी बॉडी को लेकर ज्यादा कॉन्फिडेंड होती हैं।
लेकिन मास्टरबेशन के बारे में कुछ ऐसी बातें जिससे आप शायद अब तक अंजान हो।
केयर 2 ऑनलाइन ने मास्टबेशन के पांच फैक्ट्स की सूची बनाई है जानिए, क्या हैं वे फैक्ट्स।
ये माना जाता है कि जो लोग रोजाना या नियमित तौर पर सेक्स करते हैं वे उन लोगों की तुलना में ज्यादा मास्टरबेट करते हैं जो रोजाना सेक्स नहीं करते।
लेकिन ऐसा नहीं है। यदि आप मास्टरबेट करते हैं तो आप सेक्सुअली ज्यादा ओपन रहते हैं। वैसे भी अगर आप अकेले हैं और आपको पता है कि आपको चाहिए क्या तो ये आपके पार्टनर के संग आगे सेक्सुअल एक्सपीरिएंस को बढ़ाता है।
जी हां, ये सच है कि अधिकत्तर टीनेज मास्टरबेट करते हैं। ये हम नहीं कह रहे एक सर्वे में भी ये बात सामने आई थी। सर्वे के मुताबिक,मेल और फीमेल दोनों ही 18 की उम्र से पहले मास्टरबेशन करने लगते हैं।
80 फीसदी युवा और 59 फीसदी युवतियां 18 की उम्र से पहले मास्टरबेशन करते हैं। इतना ही नहीं, बड़ी उम्र की महिलाएं यानी 50 से 70 साल की महिलाएं भी मास्टरबेशन करने से नहीं कतराती।
बेशक आप ये जानकर हैरान रह सकते हैं बड़ी उम्र की महिलाएं भी मास्टरबेट करती हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, उम्र जितनी बढ़ती जाएगी सेक्स ड्राइव अधिक बढ़ जाती है।
रिसर्च में पाया गया कि 60 से 69 उम्र की 30 फीसदी महिलाएं रिलेशनशिप में होती है। वहीं 70 से अधिक उम्र की आधे से अधिक महिलाएं 12.2 फीसदी शादीशुदा महिलाओं के मुकाबले अकेले मास्टरबेशन को एंज्वॉय करती हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी एक देश ऐसा भी है जहां रोजाना मास्टरबेशन करने की सलाह दी जाती है। जी हां, यूके की सरकार टीनेजर्स को इस बात के लिए प्रोत्साहित करती है कि वे कम से कम दिनभर में एक बार मास्टरबेशन जरूर करें।
यहां की सरकार सिर्फ मास्टरबेशन के लिए प्रेरित नहीं करती बल्कि वे टीनेजर्स को इसके हेल्थ बेनिफिट्स, एसटीडी और टीन प्रेग्नेंसी इत्यादि के बारे में भी बताते हैं।
आमतौर पर ये माना जाता है कि सेक्स की तरह मास्टरबेशन भी टैबू है जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि बहुत से देशों में लोग अपनी सेक्सुअलिटी को लेकर खुलापन अपनाते हैं।
कई सर्वे ये भी बताते हैं कि महिलाएं खुद को टच करके एंज्वॉय करती हैं और इसे मास्टरबेशन के रूप में 17वीं सदी के शुरूआत में ही स्वीकार कर लिया गया था।
हालांकि उस समय में इसे मास्टरबेशन के बजाय “heinous sin” और “self-pollution के नाम से जाना जाता था। लेकिन बाद में इसे 60 फीसदी मानसिक और शारीरिक बीमारी का कारण मान लिया गया।
कई अरसों के बाद इसे मिथ माना गया और नेशनल मास्टरबेशन मंथ मनाया जाने लगा।
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केयर 2 ऑनलाइन ने मास्टबेशन के पांच फैक्ट्स की सूची बनाई है जानिए, क्या हैं वे फैक्ट्स।
ये माना जाता है कि जो लोग रोजाना या नियमित तौर पर सेक्स करते हैं वे उन लोगों की तुलना में ज्यादा मास्टरबेट करते हैं जो रोजाना सेक्स नहीं करते।
लेकिन ऐसा नहीं है। यदि आप मास्टरबेट करते हैं तो आप सेक्सुअली ज्यादा ओपन रहते हैं। वैसे भी अगर आप अकेले हैं और आपको पता है कि आपको चाहिए क्या तो ये आपके पार्टनर के संग आगे सेक्सुअल एक्सपीरिएंस को बढ़ाता है।
जी हां, ये सच है कि अधिकत्तर टीनेज मास्टरबेट करते हैं। ये हम नहीं कह रहे एक सर्वे में भी ये बात सामने आई थी। सर्वे के मुताबिक,मेल और फीमेल दोनों ही 18 की उम्र से पहले मास्टरबेशन करने लगते हैं।
80 फीसदी युवा और 59 फीसदी युवतियां 18 की उम्र से पहले मास्टरबेशन करते हैं। इतना ही नहीं, बड़ी उम्र की महिलाएं यानी 50 से 70 साल की महिलाएं भी मास्टरबेशन करने से नहीं कतराती।
बेशक आप ये जानकर हैरान रह सकते हैं बड़ी उम्र की महिलाएं भी मास्टरबेट करती हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, उम्र जितनी बढ़ती जाएगी सेक्स ड्राइव अधिक बढ़ जाती है।
रिसर्च में पाया गया कि 60 से 69 उम्र की 30 फीसदी महिलाएं रिलेशनशिप में होती है। वहीं 70 से अधिक उम्र की आधे से अधिक महिलाएं 12.2 फीसदी शादीशुदा महिलाओं के मुकाबले अकेले मास्टरबेशन को एंज्वॉय करती हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी एक देश ऐसा भी है जहां रोजाना मास्टरबेशन करने की सलाह दी जाती है। जी हां, यूके की सरकार टीनेजर्स को इस बात के लिए प्रोत्साहित करती है कि वे कम से कम दिनभर में एक बार मास्टरबेशन जरूर करें।
यहां की सरकार सिर्फ मास्टरबेशन के लिए प्रेरित नहीं करती बल्कि वे टीनेजर्स को इसके हेल्थ बेनिफिट्स, एसटीडी और टीन प्रेग्नेंसी इत्यादि के बारे में भी बताते हैं।
आमतौर पर ये माना जाता है कि सेक्स की तरह मास्टरबेशन भी टैबू है जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि बहुत से देशों में लोग अपनी सेक्सुअलिटी को लेकर खुलापन अपनाते हैं।
कई सर्वे ये भी बताते हैं कि महिलाएं खुद को टच करके एंज्वॉय करती हैं और इसे मास्टरबेशन के रूप में 17वीं सदी के शुरूआत में ही स्वीकार कर लिया गया था।
हालांकि उस समय में इसे मास्टरबेशन के बजाय “heinous sin” और “self-pollution के नाम से जाना जाता था। लेकिन बाद में इसे 60 फीसदी मानसिक और शारीरिक बीमारी का कारण मान लिया गया।
कई अरसों के बाद इसे मिथ माना गया और नेशनल मास्टरबेशन मंथ मनाया जाने लगा।
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