शादी किसी भी लड़के या लड़की के जीवन की सब से बड़ी खुशी होती है. ‘चट
मंगनी पट ब्याह’ हो तो कोई बात नहीं, लेकिन सगाई और शादी के बीच एक लंबा
अंतराल हो तो दोनों एकदूसरे से मिलने के लिए बेताब हो जाते हैं. मोबाइल पर
घंटों बातें करना, प्यार भरे एसएमएस भेजना तो सामान्य बात है. जब बेसब्री
बढ़ जाती है,
तो वे आपस में मिलते हैं, घूमने जाते हैं, शौपिंग करते हैं. इस बीच वे एकदूसरे के इतने करीब आ जाते हैं कि शारीरिक संबंध बनाने के लिए शादी तक इंतजार करना उन्हें नागवार गुजरता है. मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाना वर्जित तो नहीं है, लेकिन जल्दबाजी में बनाए गए इन संबंधों के कारण वह आनंद उन्हें नहीं मिल पाएगा, जो विवाहितों को मिलता है.
सेक्स की भूख
सेक्स की भूख प्रकृतिप्रदत्त होती है. सामाजिक बंधनों की वजह से युवकयुवतियां इस भूख को मिटाने के लिए शादी तक इंतजार करते हैं लेकिन यदि सगाई हो जाए और शादी में लंबा समय बाकी हो तो उन्हें यह इंतजार बरदाश्त नहीं होता है. उन की सोच होती है कि जो काम 6-8 महीने बाद करना है, उसे अभी ही क्यों न अंजाम दे दिया जाए. लड़कियों में सेक्स की भूख लड़कों से कहीं अधिक रहती है, पर सामाजिक मर्यादाओं की वजह से वे इसे व्यक्त नहीं करती हैं, लेकिन जब मंगेतर उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए उकसाता है, तो वे हामी भर देती हैं और फिर उन का यह सिलसिला चलता रहता है. प्राय: देखा गया है कि जब आप मंगेतर के साथ अकेली कहीं सुनसान जगह जाती हैं या बाहर किसी होटल में ठहरती हैं तो आप के कदम बहक जाते हैं जिसे आप रोक नहीं पातीं और अपनेआप को समर्पित कर देती हैं. अधिकांश मंगेतर अपना प्यार जताने के लिए संभोग का तरीका अपनाते हैं जबकि प्रेम प्रदर्शित करने के और भी बहुत से तरीके हैं, जैसे हाथ में हाथ लेना, बांहों में भरना, चूमना, स्पर्श करना. संभोग करना तो एक यौन क्रिया है, प्यार जताने का माध्यम नहीं.
यों देखा जाए तो सगाई के बाद मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाने में कोई हरज नहीं, क्योंकि आखिर वह होने वाला पति है. अब उस की बात तो रखनी ही पड़ेगी, लेकिन भावनाओं के इस खेल में कुछ ऐसी जमीनी सचाइयां भी जुड़ी हैं, जिन पर शायद आप ने गौर नहीं किया है.
मुसीबत का कारण
आमतौर पर जिस से सगाई होती है, शादी भी उसी से ही होती है, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि शादी के पहले ऐसा कोई राज सामने आ जाता है, जिस की वजह से सगाई टूट जाती है. जैसे लड़का पहले से ही शादीशुदा हो या उस का विधिवत तलाक नहीं हुआ हो या वह विधुर हो और उस की संतान भी हो, लेकिन इन तथ्यों को छिपाया गया हो. ऐसे में मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद सगाई टूटती है, तो आप कहीं की नहीं रहेंगी. इसी प्रकार यदि मंगेतर आप को छोड़ कर किसी दूसरी लड़की से सगाई कर लेता है या उस की किसी घटना, दुर्घटना में मौत हो जाती है या वह इस लायक नहीं रहता कि शादी कर सके तो ऐसे में उस के साथ स्थापित किए गए शारीरिक संबंध आप के लिए मुसीबत बन जाएंगे.
यदि आप मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाने से गर्भवती हो गईं और उस ने शादी से इनकार कर दिया तो आप की सामाजिक बदनामी होगी और आप के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग जाएगा.
अनचाहे गर्भ से बचें
मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाना वर्जिंत तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन इस दौरान दोनों ही पक्षों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि अनचाहे गर्भ से बच सकें. इस के लिए लड़की को चाहिए कि वह अपने मंगेतर को बिना ‘कंडोम’ के अंतरंग शारीरिक संबंध न बनाने दे. मंगेतर को भी चाहिए कि वह ‘कंडोम’ के बिना संभोग के लिए दबाव न डाले. यदि मंगेतर किसी भी कीमत पर कंडोम का इस्तेमाल करना नहीं चाहता है, तो आजकल महिलाओं के इस्तेमाल हेतु भी ‘कंडोम’ आने लगे हैं, जिसे लगा कर आप अनचाहे गर्भ को रोक सकती हैं. आप के द्वारा लगाए गए ‘कंडोम’ से मंगेतर को शारीरिक संबंध बनाने में कोई अड़चन नहीं होगी.
कुछ लड़के एचआईवी से ग्रसित रहते हैं. यदि आप का मंगेतर भी इस से ग्रसित हुआ तो इस का संक्रमण आप को भी हो सकता है. एड्स के अलावा भी अनेक यौन रोग होते हैं, जो शारीरिक संबंध बनाने से आप को लग सकते हैं. अत: शारीरिक संबंधों के दौरान ‘कंडोम’ का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है. शादी के पूर्व गर्भनिरोध के लिए ‘कौपर टी’ कदापि नहीं लगवाएं. यह शादी के बाद ही लगवाना ठीक रहता है. ‘कौपर टी’ के कारण संभोग के दौरान पेट के निचले हिस्सों में पीड़ा हो सकती है. इस से प्रजनन अंगों में संक्रमण भी हो सकता है.
भ्रम में न रहें
संभोग चाहे आप किसी भी तरीके से या आसन से करें, आप गर्भवती हो सकती हैं, फिर चाहे वह खड़ेखड़े ही क्यों न हुआ हो. कुछ लड़कियां मंगेतर के साथ संभोग करने के तुरंत बाद इस विचार से मूत्र त्याग के लिए चली जाती हैं कि इस से गर्भ नहीं ठहरेगा, लेकिन मूत्र त्याग करने से शुक्राणु बाहर नहीं निकलते. शुक्राणु बहुत जल्दी गर्भाशय में पहुंचते हैं. कुछ मंगेतर अपनी होने वाली पत्नी को यह कह कर शारीरिक संबंध बनाते हैं कि चरम स्थिति आने से पहले से वह संभोग से पीछे हट जाएगा. अव्वल तो वह ऐसा करेगा नहीं, क्योंकि स्खलन चरमआनंद की स्थिति है, जिस से वह वंचित होना नहीं चाहेगा. दूसरे, यदि वह ऐसा करता भी है, तो कुछ शुक्राणु पीछे हटने से पहले ही लड़की के यौनांग में जा सकते हैं. यदि वह कहता है कि संबंध से आप गर्भवती नहीं होंगी, तो वह आप को बेवकूफ बनाता है.यदि आप मंगेतर से एक बार भी शारीरिक संबंध बनाती हैं तो भी गर्भवती हो सकती हैं, यहां तक कि माहवारी के दौरान बने संबंध से भी गर्भ ठहर सकता है.
आपातकालीन गर्भनिरोधक
यदि दोनों ही इस स्थिति में नहीं है कि ‘कंडोम’ का इस्तेमाल कर सकें और सेक्स की भूख मिटानी ही हो, तो आप को आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली का सेवन करना पडे़गा, जो गर्भ ठहरने से बचाती है. लेकिन समय रहते यदि यह गोली नहीं ली तो फिर गर्भ ठहर सकता है, जिस से मुक्ति पाने के लिए आप को सफाई यानी डी एंड सी करानी होगी या गर्भपात भी करना पड़ सकता है. आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन संभोग के 72 घंटों के भीतर करना चाहिए. सफेद रंग की माला डी या माला एन की 2 गोलियां लें और पहली खुराक लेने के 12 घंटे बाद फिर 2 गोलियां लें. गोलियां जितनी जल्दी ली जाएं, असर उतना ही अच्छा होता है. लेकिन इसे आदत न बनाएं.
सुहागरात का आनंद नहीं
जब भी किसी की पहली बार शादी होती है तो सुहागरात की अपनी एक अहमियत और मजा है. यह दोनों का प्रथम स्पर्श या मिलन होता है. सुहागरात के समय किया गया संभोग अविस्मरणीय होता है, जो जीवन भर एक सुखद याद के रूप में दिमाग में कायम रहता है और रोमांचित करता रहता है. लेकिन जब आप शादी के पूर्व ही मंगेतर के साथ हमबिस्तर हो जाती हैं तो सुहागरात का कोई अर्थ नहीं रह जाता है और न ही उस का कोई आनंद रहता है. इस सुख से निश्चित तौर पर आप वंचित रहेंगी. हो सकता है कि इस बात का आप को पछतावा भी हो, क्योंकि शादी से पहले मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय आप के मन में यह बात जरूर रहती होगी कि यह ठीक नहीं है.
जब हमउम्र सखीसहेलियां आपस में अपनी सुहागरात के किस्से सुनाती हैं तो आप को मौन रहना होता है, क्योंकि मंगेतर के साथ भी शारीरिक संबंध लुकछिप कर बनाए जाते हैं. ऐसे में फूलों की सेज होने का तो प्रश्न ही पैदा नहीं होता. शादी के बाद भले ही आप फूलों की सेज सजा कर सुहागरात की औपचारिकता पूरा कर लें लेकिन उस में वह आनंद नहीं आएगा, जो अन्य नवदंपतियों को आता है.
अपराधबोध
यदि किसी भी कारण से आप की शादी मंगेतर से न हो कर किसी अन्य किसी लड़के से होती है, तो आप का अपराधबोध आप के वैवाहिक जीवन में एक नासूर बन जाएगा. यदि आप अपने पति को यह बात बताती हैं कि आप पूर्व में किसी और से शारीरिक संबंध स्थापित कर चुकी हैं, तो आप का ऐसा करना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना होगा, क्योंकि कोई भी पुरुष दूसरे की जूठन पसंद नहीं करेगा और यदि आप इस बात को पति से छिपाती हैं, तो हर रात नाजुक क्षणों में आप विचलित हो जाएंगी. इस से न तो आप सेक्स का आनंद उठा पाएंगी, और न ही पति का साथ दे पाएंगी. आप को यह जान लेना चाहिए कि मंगेतर के साथ प्रेम संबंध में अपनी सीमाएं तय करने का आप को पूरा अधिकार है. आप को चाहिए कि आप मंगेतर के बहलानेफुसलाने में न आएं और उस से कहें कि यदि वह आप को सच्चा प्यार करता है तो शादी से पहले आप को शारीरिक संबंध के लिए मजबूर न करे.
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तो वे आपस में मिलते हैं, घूमने जाते हैं, शौपिंग करते हैं. इस बीच वे एकदूसरे के इतने करीब आ जाते हैं कि शारीरिक संबंध बनाने के लिए शादी तक इंतजार करना उन्हें नागवार गुजरता है. मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाना वर्जित तो नहीं है, लेकिन जल्दबाजी में बनाए गए इन संबंधों के कारण वह आनंद उन्हें नहीं मिल पाएगा, जो विवाहितों को मिलता है.
सेक्स की भूख
सेक्स की भूख प्रकृतिप्रदत्त होती है. सामाजिक बंधनों की वजह से युवकयुवतियां इस भूख को मिटाने के लिए शादी तक इंतजार करते हैं लेकिन यदि सगाई हो जाए और शादी में लंबा समय बाकी हो तो उन्हें यह इंतजार बरदाश्त नहीं होता है. उन की सोच होती है कि जो काम 6-8 महीने बाद करना है, उसे अभी ही क्यों न अंजाम दे दिया जाए. लड़कियों में सेक्स की भूख लड़कों से कहीं अधिक रहती है, पर सामाजिक मर्यादाओं की वजह से वे इसे व्यक्त नहीं करती हैं, लेकिन जब मंगेतर उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए उकसाता है, तो वे हामी भर देती हैं और फिर उन का यह सिलसिला चलता रहता है. प्राय: देखा गया है कि जब आप मंगेतर के साथ अकेली कहीं सुनसान जगह जाती हैं या बाहर किसी होटल में ठहरती हैं तो आप के कदम बहक जाते हैं जिसे आप रोक नहीं पातीं और अपनेआप को समर्पित कर देती हैं. अधिकांश मंगेतर अपना प्यार जताने के लिए संभोग का तरीका अपनाते हैं जबकि प्रेम प्रदर्शित करने के और भी बहुत से तरीके हैं, जैसे हाथ में हाथ लेना, बांहों में भरना, चूमना, स्पर्श करना. संभोग करना तो एक यौन क्रिया है, प्यार जताने का माध्यम नहीं.
यों देखा जाए तो सगाई के बाद मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाने में कोई हरज नहीं, क्योंकि आखिर वह होने वाला पति है. अब उस की बात तो रखनी ही पड़ेगी, लेकिन भावनाओं के इस खेल में कुछ ऐसी जमीनी सचाइयां भी जुड़ी हैं, जिन पर शायद आप ने गौर नहीं किया है.
मुसीबत का कारण
आमतौर पर जिस से सगाई होती है, शादी भी उसी से ही होती है, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि शादी के पहले ऐसा कोई राज सामने आ जाता है, जिस की वजह से सगाई टूट जाती है. जैसे लड़का पहले से ही शादीशुदा हो या उस का विधिवत तलाक नहीं हुआ हो या वह विधुर हो और उस की संतान भी हो, लेकिन इन तथ्यों को छिपाया गया हो. ऐसे में मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद सगाई टूटती है, तो आप कहीं की नहीं रहेंगी. इसी प्रकार यदि मंगेतर आप को छोड़ कर किसी दूसरी लड़की से सगाई कर लेता है या उस की किसी घटना, दुर्घटना में मौत हो जाती है या वह इस लायक नहीं रहता कि शादी कर सके तो ऐसे में उस के साथ स्थापित किए गए शारीरिक संबंध आप के लिए मुसीबत बन जाएंगे.
यदि आप मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाने से गर्भवती हो गईं और उस ने शादी से इनकार कर दिया तो आप की सामाजिक बदनामी होगी और आप के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग जाएगा.
अनचाहे गर्भ से बचें
मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाना वर्जिंत तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन इस दौरान दोनों ही पक्षों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि अनचाहे गर्भ से बच सकें. इस के लिए लड़की को चाहिए कि वह अपने मंगेतर को बिना ‘कंडोम’ के अंतरंग शारीरिक संबंध न बनाने दे. मंगेतर को भी चाहिए कि वह ‘कंडोम’ के बिना संभोग के लिए दबाव न डाले. यदि मंगेतर किसी भी कीमत पर कंडोम का इस्तेमाल करना नहीं चाहता है, तो आजकल महिलाओं के इस्तेमाल हेतु भी ‘कंडोम’ आने लगे हैं, जिसे लगा कर आप अनचाहे गर्भ को रोक सकती हैं. आप के द्वारा लगाए गए ‘कंडोम’ से मंगेतर को शारीरिक संबंध बनाने में कोई अड़चन नहीं होगी.
कुछ लड़के एचआईवी से ग्रसित रहते हैं. यदि आप का मंगेतर भी इस से ग्रसित हुआ तो इस का संक्रमण आप को भी हो सकता है. एड्स के अलावा भी अनेक यौन रोग होते हैं, जो शारीरिक संबंध बनाने से आप को लग सकते हैं. अत: शारीरिक संबंधों के दौरान ‘कंडोम’ का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है. शादी के पूर्व गर्भनिरोध के लिए ‘कौपर टी’ कदापि नहीं लगवाएं. यह शादी के बाद ही लगवाना ठीक रहता है. ‘कौपर टी’ के कारण संभोग के दौरान पेट के निचले हिस्सों में पीड़ा हो सकती है. इस से प्रजनन अंगों में संक्रमण भी हो सकता है.
भ्रम में न रहें
संभोग चाहे आप किसी भी तरीके से या आसन से करें, आप गर्भवती हो सकती हैं, फिर चाहे वह खड़ेखड़े ही क्यों न हुआ हो. कुछ लड़कियां मंगेतर के साथ संभोग करने के तुरंत बाद इस विचार से मूत्र त्याग के लिए चली जाती हैं कि इस से गर्भ नहीं ठहरेगा, लेकिन मूत्र त्याग करने से शुक्राणु बाहर नहीं निकलते. शुक्राणु बहुत जल्दी गर्भाशय में पहुंचते हैं. कुछ मंगेतर अपनी होने वाली पत्नी को यह कह कर शारीरिक संबंध बनाते हैं कि चरम स्थिति आने से पहले से वह संभोग से पीछे हट जाएगा. अव्वल तो वह ऐसा करेगा नहीं, क्योंकि स्खलन चरमआनंद की स्थिति है, जिस से वह वंचित होना नहीं चाहेगा. दूसरे, यदि वह ऐसा करता भी है, तो कुछ शुक्राणु पीछे हटने से पहले ही लड़की के यौनांग में जा सकते हैं. यदि वह कहता है कि संबंध से आप गर्भवती नहीं होंगी, तो वह आप को बेवकूफ बनाता है.यदि आप मंगेतर से एक बार भी शारीरिक संबंध बनाती हैं तो भी गर्भवती हो सकती हैं, यहां तक कि माहवारी के दौरान बने संबंध से भी गर्भ ठहर सकता है.
आपातकालीन गर्भनिरोधक
यदि दोनों ही इस स्थिति में नहीं है कि ‘कंडोम’ का इस्तेमाल कर सकें और सेक्स की भूख मिटानी ही हो, तो आप को आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली का सेवन करना पडे़गा, जो गर्भ ठहरने से बचाती है. लेकिन समय रहते यदि यह गोली नहीं ली तो फिर गर्भ ठहर सकता है, जिस से मुक्ति पाने के लिए आप को सफाई यानी डी एंड सी करानी होगी या गर्भपात भी करना पड़ सकता है. आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन संभोग के 72 घंटों के भीतर करना चाहिए. सफेद रंग की माला डी या माला एन की 2 गोलियां लें और पहली खुराक लेने के 12 घंटे बाद फिर 2 गोलियां लें. गोलियां जितनी जल्दी ली जाएं, असर उतना ही अच्छा होता है. लेकिन इसे आदत न बनाएं.
सुहागरात का आनंद नहीं
जब भी किसी की पहली बार शादी होती है तो सुहागरात की अपनी एक अहमियत और मजा है. यह दोनों का प्रथम स्पर्श या मिलन होता है. सुहागरात के समय किया गया संभोग अविस्मरणीय होता है, जो जीवन भर एक सुखद याद के रूप में दिमाग में कायम रहता है और रोमांचित करता रहता है. लेकिन जब आप शादी के पूर्व ही मंगेतर के साथ हमबिस्तर हो जाती हैं तो सुहागरात का कोई अर्थ नहीं रह जाता है और न ही उस का कोई आनंद रहता है. इस सुख से निश्चित तौर पर आप वंचित रहेंगी. हो सकता है कि इस बात का आप को पछतावा भी हो, क्योंकि शादी से पहले मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय आप के मन में यह बात जरूर रहती होगी कि यह ठीक नहीं है.
जब हमउम्र सखीसहेलियां आपस में अपनी सुहागरात के किस्से सुनाती हैं तो आप को मौन रहना होता है, क्योंकि मंगेतर के साथ भी शारीरिक संबंध लुकछिप कर बनाए जाते हैं. ऐसे में फूलों की सेज होने का तो प्रश्न ही पैदा नहीं होता. शादी के बाद भले ही आप फूलों की सेज सजा कर सुहागरात की औपचारिकता पूरा कर लें लेकिन उस में वह आनंद नहीं आएगा, जो अन्य नवदंपतियों को आता है.
अपराधबोध
यदि किसी भी कारण से आप की शादी मंगेतर से न हो कर किसी अन्य किसी लड़के से होती है, तो आप का अपराधबोध आप के वैवाहिक जीवन में एक नासूर बन जाएगा. यदि आप अपने पति को यह बात बताती हैं कि आप पूर्व में किसी और से शारीरिक संबंध स्थापित कर चुकी हैं, तो आप का ऐसा करना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना होगा, क्योंकि कोई भी पुरुष दूसरे की जूठन पसंद नहीं करेगा और यदि आप इस बात को पति से छिपाती हैं, तो हर रात नाजुक क्षणों में आप विचलित हो जाएंगी. इस से न तो आप सेक्स का आनंद उठा पाएंगी, और न ही पति का साथ दे पाएंगी. आप को यह जान लेना चाहिए कि मंगेतर के साथ प्रेम संबंध में अपनी सीमाएं तय करने का आप को पूरा अधिकार है. आप को चाहिए कि आप मंगेतर के बहलानेफुसलाने में न आएं और उस से कहें कि यदि वह आप को सच्चा प्यार करता है तो शादी से पहले आप को शारीरिक संबंध के लिए मजबूर न करे.
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