सोचिए, जब आपका पार्टनर आपसे चीटिंग करता है तो आपको कैसा लगता है? लेकिन
एक नई रिसर्च में पाया गया है कि पार्टनर के अलावा किसी ओर से अफेयर करने
पर महिला और पुरुष अलग-अलग सोचते हैं।
डेली मेल पर प्रकाशित खबर के मुताबिक, पुरुषों को तब ज्यादा खराब लगता है जब उनकी पार्टनर का किसी ओर से सेक्सुअल अफेयर होता है लेकिन महिलाओं को तब ज्यादा दुख होता है जब उनके पार्टनर किसी ओर के प्यार में पड़ता है। यानी महिलाओं को भवनात्मक धोखा ज्यादा दुखदायी लगता है।
64,000 लोगों पर की गई रिसर्च में पाया गया कि चीटिंग के दौरान दोनों तरफ से पार्टनर्स अपसेट होते हैं। अगर महिलाएं किसी ओर पुरुष के साथ सेक्स करती हैं लेकिन उससे प्यार नहीं करती ये स्थिति पुरुषों को ज्यादा अपसेट करती है जबकि महिलाओं के साथ इसका उल्टा होता है।
कैलिफोर्निया की रिसर्च में पाया गया कि 54 फीसदी हेट्रोसेक्सुअल पुरुष सेक्सुअल चीटिंग से ज्यादा दुखी होते हैं बजाय भावनात्मक चीटिंग के। वहीं 35 फीसदी महिलाएं सेक्सुअल पार्टनर से नहीं लव पार्टनर से ज्यादा दुखी होती हैं।
ये रिसर्च उम्र का फासला, जेंडर डिफरेंस, इनकम, किस स्तर पर धोखा दिया गया है, रिश्ता कितना पुराना है, इत्यादि को ध्यान में रखकर की गई थी।
18 से 65 की उम्र के लोगों पर की गई इस रिसर्च को सेक्सुअल बिहेवियर जनरल में छापा गया। रिसर्च में ये भी पाया गया कि जब पुरुष रिलेशनशिप में होते हैं और महिलाएं उस दौरान गर्भवती हो जाती हैं तो पुरुष सेक्सुअल धोखे से ओर डर जाते हैं और उन्हें विश्वास नहीं होता कि होने वाले बच्चे के पिता वहीं हैं। वो बिना पैटरनिटी टेस्ट के इस बात को स्वीकार नहीं कर पाते कि होने वाला बच्चा उन्हीं का है।
डेली मेल पर प्रकाशित खबर के मुताबिक, पुरुषों को तब ज्यादा खराब लगता है जब उनकी पार्टनर का किसी ओर से सेक्सुअल अफेयर होता है लेकिन महिलाओं को तब ज्यादा दुख होता है जब उनके पार्टनर किसी ओर के प्यार में पड़ता है। यानी महिलाओं को भवनात्मक धोखा ज्यादा दुखदायी लगता है।
64,000 लोगों पर की गई रिसर्च में पाया गया कि चीटिंग के दौरान दोनों तरफ से पार्टनर्स अपसेट होते हैं। अगर महिलाएं किसी ओर पुरुष के साथ सेक्स करती हैं लेकिन उससे प्यार नहीं करती ये स्थिति पुरुषों को ज्यादा अपसेट करती है जबकि महिलाओं के साथ इसका उल्टा होता है।
कैलिफोर्निया की रिसर्च में पाया गया कि 54 फीसदी हेट्रोसेक्सुअल पुरुष सेक्सुअल चीटिंग से ज्यादा दुखी होते हैं बजाय भावनात्मक चीटिंग के। वहीं 35 फीसदी महिलाएं सेक्सुअल पार्टनर से नहीं लव पार्टनर से ज्यादा दुखी होती हैं।
ये रिसर्च उम्र का फासला, जेंडर डिफरेंस, इनकम, किस स्तर पर धोखा दिया गया है, रिश्ता कितना पुराना है, इत्यादि को ध्यान में रखकर की गई थी।
18 से 65 की उम्र के लोगों पर की गई इस रिसर्च को सेक्सुअल बिहेवियर जनरल में छापा गया। रिसर्च में ये भी पाया गया कि जब पुरुष रिलेशनशिप में होते हैं और महिलाएं उस दौरान गर्भवती हो जाती हैं तो पुरुष सेक्सुअल धोखे से ओर डर जाते हैं और उन्हें विश्वास नहीं होता कि होने वाले बच्चे के पिता वहीं हैं। वो बिना पैटरनिटी टेस्ट के इस बात को स्वीकार नहीं कर पाते कि होने वाला बच्चा उन्हीं का है।