65 की उम्र में शादीशुदा जोड़ों के खुश रहने का मंत्र है शारीरिक
स्वास्थ्य और अधिक यौन संबंध बनाना। ये हम नहीं कह रहे बल्कि एक रिसर्च
में बात सामने आई है।
इंडियन एक्सप्रेस पर प्रकाशित खबर के मुताबिक, बड़ी उम्र के लोगों में शारीरिक संबंध और सेक्सुअल एक्टिविटी सीमित नहीं होनी चाहिए। अमेरिका की जोसफ हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा की गई रिसर्च के मुताबिक, किसी भी तरह की सेक्सुअल प्लेजर व्यस्कों में होना चाहिए।
ये रिसर्च 65 से 74 साल के 732 जोड़ियों पर की गई जिसमें उनके मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य, मैरिटल सेटिफेक्शन और सेक्सुअल एक्टिविटीज के बारे में पूछा गया।
साइक्लोजिस्ट मैक्स के मुताबिक, सिर्फ अधिक सेक्स से ही शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल नहीं बनाया जा सकता। बल्कि अधिक सेक्स से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है। शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे की किसी भी तरह की सेक्सुअल एक्टिविटी के सकारात्मक परिणाम ही निकलते हैं।
पहले आई कई रिसर्च भी ये बात साबित कर चुकी हैं कि रिश्तों में खुशी का बड़ा कारण है नियमित तौर पर सेक्सुअल गतिविधियों से जुड़ा रहना। साथ ही खुशहाल शादीशुदा जिंदगी का बड़ा कारण है सेक्सुअल संतुष्टि।
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इंडियन एक्सप्रेस पर प्रकाशित खबर के मुताबिक, बड़ी उम्र के लोगों में शारीरिक संबंध और सेक्सुअल एक्टिविटी सीमित नहीं होनी चाहिए। अमेरिका की जोसफ हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा की गई रिसर्च के मुताबिक, किसी भी तरह की सेक्सुअल प्लेजर व्यस्कों में होना चाहिए।
ये रिसर्च 65 से 74 साल के 732 जोड़ियों पर की गई जिसमें उनके मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य, मैरिटल सेटिफेक्शन और सेक्सुअल एक्टिविटीज के बारे में पूछा गया।
साइक्लोजिस्ट मैक्स के मुताबिक, सिर्फ अधिक सेक्स से ही शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल नहीं बनाया जा सकता। बल्कि अधिक सेक्स से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है। शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे की किसी भी तरह की सेक्सुअल एक्टिविटी के सकारात्मक परिणाम ही निकलते हैं।
पहले आई कई रिसर्च भी ये बात साबित कर चुकी हैं कि रिश्तों में खुशी का बड़ा कारण है नियमित तौर पर सेक्सुअल गतिविधियों से जुड़ा रहना। साथ ही खुशहाल शादीशुदा जिंदगी का बड़ा कारण है सेक्सुअल संतुष्टि।
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