स्त्री-पुरुष के बीच शारीरिक संबंधों को लेकर कई शोध हो चुके हैं। भारत
में संभोग सिर्फ शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि काम कला का एक रूप भी है,
लेकिन पुरुष प्रधान समाज में औरतों को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है। यही
वजह है कि कई बार भारतीय महिलाएं अपने मन की बात जुबां पर नहीं ला पातीं।
झिझक की वजह से अधिकांश औरतें सेक्स संबंधी बातें जल्दी किसी से शेयर नहीं कर पातीं।
महिलाएं सेक्स के लिए खुद शुरुआत नहीं करतीं तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे शारीरिक संबंध नहीं चाहतीं। दरअसल, शर्मीली स्वभाव की महिलाएं दिल के अरमानों को जाहिर करने से कतराती हैं।
पूर्ण संतुष्टि का एहसास नहीं होना:
सेक्स की चाहत नहीं होना:
डिप्रेशन, थकान और कुछ दूसरी वजहों से यह दिक्कत हो सकती है। कई बार बचपन की किसी बुरी याद की वजह से भी सेक्स में दिलचस्पी खत्म हो जाती है। इसके अलावा, कई महिलाओं को अपने पार्टनर के छूने का तरीका भी पसंद नहीं आता।
काम कला की जानकारी न होना:
भारतीय महिलाएं सामान्यत: पोर्न के बारे में जानती ही नहीं हैं। वहीं, पुरुष अश्लील साहित्य पढ़कर या एडल्ट मूवी देखकर जब वैसा ही कुछ शारीरिक संबंधों के दौरान दोहराने की कोशिश करते हैं तो महिलाओं को बहुत शॉक लगता है। इसलिए, संबंधों के दौरान साधारण पोजिशन ही अपनाएं।
माहवारी के दौरान सेक्स:
एक धारण बनी हुई है कि पीरियड्स के दौरान सेक्स नहीं करना चाहिए। अगर दोनों की इच्छा हो तो पीरियड्स के दौरान भी सेक्स कर सकते हैं, बल्कि कुछ लोग तो इसे ज्यादा सेफ मानते हैं, क्योंकि इस दौरान प्रेग्नेंसी के चांस नहीं होते। साथ ही, कुछ लोग इसे हाइजिनिक नहीं मानते। ऐसे में कन्डोम का इस्तेमाल बेहतर है।
पारिवारिक माहौल:
कई बार संयुक्त परिवार में रहने वाले कपल्स को एकांत आसानी से नहीं मिल पाता। किसी भी संबंध से जुड़े दोनों पक्षों के लिए यह आवश्यक है कि सभी कार्य सुचारु रूप से चलें। संबंधों में भी मिठास बनी रहे। इस मामले में पुरुषों की अपेक्षाएं महिलाओं से कुछ ज्यादा ही होती हैं। इसे एक कामकाजी महिला के लिए निभा पाना मुश्किल होता है।
महिलाओं में सेक्स इच्छा कम:
महिलाओं को भी पुरुषों की तरह ही सेक्स की इच्छा होती है। बच्चे होने के बाद भी यह इच्छा कम नहीं होती। हालांकि, कई बार परफॉर्मेंस में कमी आ जाती है। इसकी शारीरिक और मानसिक दोनों वजहें होती हैं।
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झिझक की वजह से अधिकांश औरतें सेक्स संबंधी बातें जल्दी किसी से शेयर नहीं कर पातीं।
महिलाएं सेक्स के लिए खुद शुरुआत नहीं करतीं तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे शारीरिक संबंध नहीं चाहतीं। दरअसल, शर्मीली स्वभाव की महिलाएं दिल के अरमानों को जाहिर करने से कतराती हैं।
पूर्ण संतुष्टि का एहसास नहीं होना:
- महिलाओं को पसंद है सेक्स के दौरान चुंबन
- इन तरीकों से पुरूष उठा सकते हैं सेक्स का आनंद
- इस तरह कीजिए पार्टनर को सेक्स के लिए तैयार
- बेडरूम में रेड कलर बढ़ाता है सेक्स उत्तेजना
सेक्स की चाहत नहीं होना:
डिप्रेशन, थकान और कुछ दूसरी वजहों से यह दिक्कत हो सकती है। कई बार बचपन की किसी बुरी याद की वजह से भी सेक्स में दिलचस्पी खत्म हो जाती है। इसके अलावा, कई महिलाओं को अपने पार्टनर के छूने का तरीका भी पसंद नहीं आता।
काम कला की जानकारी न होना:
भारतीय महिलाएं सामान्यत: पोर्न के बारे में जानती ही नहीं हैं। वहीं, पुरुष अश्लील साहित्य पढ़कर या एडल्ट मूवी देखकर जब वैसा ही कुछ शारीरिक संबंधों के दौरान दोहराने की कोशिश करते हैं तो महिलाओं को बहुत शॉक लगता है। इसलिए, संबंधों के दौरान साधारण पोजिशन ही अपनाएं।
माहवारी के दौरान सेक्स:
एक धारण बनी हुई है कि पीरियड्स के दौरान सेक्स नहीं करना चाहिए। अगर दोनों की इच्छा हो तो पीरियड्स के दौरान भी सेक्स कर सकते हैं, बल्कि कुछ लोग तो इसे ज्यादा सेफ मानते हैं, क्योंकि इस दौरान प्रेग्नेंसी के चांस नहीं होते। साथ ही, कुछ लोग इसे हाइजिनिक नहीं मानते। ऐसे में कन्डोम का इस्तेमाल बेहतर है।
पारिवारिक माहौल:
कई बार संयुक्त परिवार में रहने वाले कपल्स को एकांत आसानी से नहीं मिल पाता। किसी भी संबंध से जुड़े दोनों पक्षों के लिए यह आवश्यक है कि सभी कार्य सुचारु रूप से चलें। संबंधों में भी मिठास बनी रहे। इस मामले में पुरुषों की अपेक्षाएं महिलाओं से कुछ ज्यादा ही होती हैं। इसे एक कामकाजी महिला के लिए निभा पाना मुश्किल होता है।
महिलाओं में सेक्स इच्छा कम:
महिलाओं को भी पुरुषों की तरह ही सेक्स की इच्छा होती है। बच्चे होने के बाद भी यह इच्छा कम नहीं होती। हालांकि, कई बार परफॉर्मेंस में कमी आ जाती है। इसकी शारीरिक और मानसिक दोनों वजहें होती हैं।
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