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जाने क्या है यौन दुर्बलता के कारण और उपाय

विवाह के पश्चात् समस्त व्यक्ति अधिकाधिक यौन सुख की प्राप्ति करना चाहते है। अनेक लोग इसके बाद भी लंबे समय तक सेक्स संबंधों का आन्नद लेते रहते है जबकि कुछ लोग यौन दुर्बलता के कारण इससे वंचित रह जाते है। इस समस्या से मुक्ति के लिेय तथाकथित  सेक्सोलाॅजिस्ट्टस की तरफ भागते हैं दवा के नाम पर बहुत सा पैसा बर्बाद करते है। किन्तु वे इस बारे में विचार नहीं करते कि आखिर यह यौन दुर्बलता हुई क्यों।
अगर यौन दर्बलता के कारणों को जान लियास जाता है तेा फिर उन्हें दूर करने के प्रयास किये जा सकते हैं इस लेख के माध्यम से यौन  दुर्बलता के लिये जिम्मेदार कारणों केा जानने का प्रयास किया जा रहा है।
संचार माध्यमों के खुलेपन के इस दौर में मानव की स्थिति ऐसी नहीं रह गयी कि वह अपनी वैवाहिक जिन्दगी को कोई अहमियत ही न दें। यदि पति अपनी पत्नी को  सेक्सुअल आनंद देपाने में असमर्थ है तो यकीनन यह  बात चिंता का कारण हो सकती है। संभोग के दौरान पति यदि अपनी पत्नी को पूर्णरुप से संतुष्ट न कर पाये तो यह हालत “यौन दुर्बलता” कहलाती है। इस स्थिति में होने के निम्न कारण हो सकते है, ये मुख्य कारण है जो आमतौर पर यौन दुर्बलता का कारण बनते है –
1. लिंग में पूर्ण कठोरता न होना जिसके कारण से शारीरिक संबंधों के दौरान आनन्द का अभाव रहता है।
2. समय से पूर्व ही यौन स्खलन हो जाना जिससे दूसरा साथ असंतुष्ट रहता है।
3. शारीरिक उतेजना में कमी या उसका न होना ।
संभोग ऐसा कार्य है जिसके संपादन में शरीर के समस्त अंग गतिशील हाते है। इस कार्य के दौरान शारीरिक उर्जा एवं शक्ति का व्यय हेाता है। संभोग कार्य पूर्ण होने के पश्चात् व्यय हुई ताकत एवं शक्ति को पुनः प्राप्त करने के लिये शरीरक को विश्राम की आवश्यकता होती है। यदि ऐसा न हो पाये ओर कुछ समय पश्चात् पुनः संभोग किया जाये और यह नियम सा बन जाये तो इस स्थिति में शरीर का कमजोर होना लाजमी है। संभोग की अधिकता के कारण शरीर के थेकने की स्थिति में होने वाली परीणिति यौन दुर्बलता के रुप में सामने आती है।
यहां यह बात स्पष्ट कर देना जरुरी है कि शरीर द्वारा सम्पादित अन्य कार्यों की तरह संभोग के लिये भी शरीर के तमाम मुख्य अंगो का स्वस्थ रहना जरुरी है। अगर ऐसा नहीं हो तो संभोग का सफलतापूर्वक निष्पादन पूर्णरुप से संभव नहीं है।
कुछ मामलों में ऐसा देखा गया है कि संभोग का कार्य संपादन करने वाले अंगो के पूर्ण  से स्वस्थ होने के बावजूद भी कामेच्छा की कमी पाई गयी जो यौन दुर्बलता की तरफ इशारा करती हैं जिस तरह शरीर के मुख्य अंगों के अस्वस्थ रहने पर यौन दुर्बलता पैदा हो जजाती है उसी प्रकार संभोग की अधिकता शरीर के विशेष अंगों को कमजोर करने का कारण बनती है।
इस आधार पर  यौन दुर्बलता को दो हिस्सों में बांटा जाता है।
1. वास्तविक यौन दुर्बलता स्वयं जननांगो में होने वाली दुर्बल्ता – इस लेख में यौन दुर्बलता के इस प्रकार पर विवरणात्मक प्रकाश डालने की कोशिश की गयी है।
2. यौन दुर्बलता शरीर के कारण  – शरीर के किसी अन्य अंग के अस्वसथ या दुर्बल होने के कारण भी कामेच्दा के प्रति उदासीनता पेदा हो सकती है। यह उदासीनता यौन दुर्बलता की श्रेणी में आती है।कभी कभी शरीर के दूसरे अंगो के अस्वस्थ होने पर जिनका संबंध सीधे तौर पर संभोग से नहीं होता है बल्कि जननांग तो पूरी तरह स्वस्थ हाते हैं परन्तु शारीरिक अंग किसी बीमारी के कारण अव्सथ हेा जा जाते हैं अस्वस्थाता का असर दिमाग और जननांगो पर भी हो जाता है जिसके कारण कामेच्छा सुसुप्त अवस्था में चली जाती है।
वास्तविक यौन दुर्बलता
यौन दुर्बलता की इस श्रेणी में जननांग स्वयं किसी वजह से कमजोर होते हैं। इस कमजोरी के कारण यौन दुर्बलता पैदा हो जाती है। इसके कराणों पर गौर करने पर दो महतवपूर्ण बाते सामने आती है।
कामेच्छा की कमी या कामेछा का दुर्बल होना
जब संभोग के लिये प्रेरित करेन वाली एक खास शारीरिक प्रक्रिया में कमजोरी पैदा हेा जहाती है तो इस हालत में कामेच्छा में कमी देखने में आती है। कामेच्छा की यह कमी यौन दुर्बलता का कारण बनती है।
कामेच्छा के दुर्बल होने के कई कारण हेाते है यह कारण कामेच्छा को कमजोर कर यौन दुर्बलता क कारण बनते है।
शरीर का कमजोर होना
पौष्टिक भोजन न मिलने से शरीर दुर्बल हेा जाता है। जिससे शारीरिक अंग भी कमजोर हो जाते है। शरीर थका थका लगता है। शरीर की दुर्बलता का प्रभाव शिश्न व अन्य जननांगो पर भी हेाता है। जिससे कामेच्छा में कमी हो जहाती है। यह कमी यौन दुर्बलता का कारण बनती है।
शरीर में वीर्य की कमी
कभी कभी शरीर में वीर्य का बनना काफी कम हेा जाता है। वीर्य की कमी के कारण शिश्न व संभोग में भाग लेने वाले अन्य मुख्य अंग पूरी तरह से उतेजित नहीं हो पाते। यहां यह बात स्पष्ट कर दूं कि जब शरीर में वीर्य अपनी पूरी मात्रा में हो जहाता है तो यह वीर्य बाहर निकलने के लिये जननांगो को उतेजित करने का कारण बनता है। इससे शिश्न में स्तम्भन और कडापन पैदा होता है। वीर्य की कमी से शिश्न उचित प्राकर से उतेजित नहीं हो पाता और न ही उमसें उचित स्तम्भन और कडापन पैदा हो पाता है।
वीर्य का गाढा हो जाना
अफीम भांग पोस्ट हेरोइन आदि को सेवन करने वालों में वीर्य गाढा हो जाता है। जिसके कारण वीर्य स्खलन में रुकावट पैदा हो जाती है।
नफरत
कभी कभी ऐसा देखने में आता है कि कुछ पुरुषों को सिकी कारण महिलाओं से नफरत जैसी स्थित पेदा हो जाती है। जिसके कारण ऐसे पुरुषों में कामेच्छा पेदा नहीं हो पाती। यह स्थिति भी यौन दुर्बलता की श्रेणी में आीत है।
शर्म
कुछ लोग कभी कभी निर्वस्त्र होनें या दूसरों के सामने निर्वस्त्र होने में शर्म महसूस करते है।
सोच चिन्ता
कुछ लोग प्रथम सहवास के असफल हो जाने या प्रथम सहवास से पूर्व ही अपने उपर यह हावी कर लेते हैं कि हव नामर्द है और संभोग करने के योग्य नहीं है।
शराब का अत्यधिक सेवन
शराब या लंबे समय तक सेवन करने रहना भी यौन दुर्बलता का कारण बन जाता है। आमतौर पर भ्रमवश लोग स्तम्भन शक्ति बढाने के लिये शराब का सहारा लेते हैं लेकिन वे इस वास्तविकता से अनजान रहते है कि शराब पीने से यौन क्षमता बढ़ने के स्थान पर घटती है। शिश्न का कमजोर या ढीलापन
यौन दुर्बलता का यह दूसरा मुख्य कारण है। आमतौर पर यह देखेन में आता है कि संभोग का कार्य पूर्ण करने वाले मुख्य अंग शिश्न में कडापन या सख्ती कम या समाप्त हो जाती है। शिश्न की शिराएं फैल कर कमजोर हो जाती हैं। साथ ही शिश्न की मांसपेशियां और रगें भी ढीली हो जाती है। यह स्थिति यौन दुर्बलता की श्रेणी में आती है। यौन दुर्बलता की इस स्थिति में आज के युवाओं को बड़ी संख्या में अपनी चपेट में ले लिया है।
शिश्न के कमजोर या ढीले होने के निम्न कारण मुख्य है
यौन शक्ति का ज्यादा उपयोग
वर्तमान में यौन दुर्बलता का यह काण सबसे महत्वपूर्ण है। संभोग की अधिकता हस्तमैथुन की अधिकता, वेश्यागमन, पुरुष का पुरुष से शारीरिक संबंध बनाबना आदि कारणों से शिश्न में हल्की सृजन पैदा हो जाती है और खास प्रकार की जलन होने लगती है। ऐसा बारा बार करने पर शिश्न में ढीलापन पैदा हो जाता है शिश्न का कड़ापन कम या खत्म हो जाता है जिससे शिश्न की उतेजना कम या समाप्त हो जाती है।
कुछ रोग जैसे सुजाक, पेशाब की थैली में सूजन, पेशाब की थैली में पथरी, मूत्राशय की पथरी, आंतों का वर्म या अंग विशेष पर पैदा होने वाले फोड़े फुंसियां भी यौन दुर्बलता का कारण बनती है।
शारीरिक कमजोरी
शरीर के कमजोर होने की स्थिति में शिश्न भी कमजोर हो जाता है। साथ ही संभोग के समय होने वाली शारीरिक हरकत भी पूरी तरह से नहीं हो पाती है। मनुष्य संभोग के समय जल्दी थक जाता है। बार बार ऐसा होना यौन दुर्बलता में बदल जाता है।
संभोग छोड़ देना
कुछ लोग संभोग को पूर्णतः त्याग देते है। जिसके कारण उनका शिश्न कमजोर व छोा हो जाता हैं य िनियम स्पष्ट है कि शरीर का कोई अंग उसी समय शक्तिशाली रहकर भलीभांति कार्य करता है जब तक वह जिस कार्य के लिये बना हो उसे भलीभांति करता रहे। यहीं नियम शिश्न पर भू लागू होता हैं संभोग तयाग देने की स्थिति में शिश्न कके अन्दर पैदा होने वाली कमजोरी और छोआपन यौन दुर्बलता में बदल जाते है।
इलाज
इस लेख के काध्यम से योन दुर्बलता के जिन कारणों पर चर्चा की गयी उनके इलाज अलग अलग लिखे जा रहे हैं लेकिन इस बात का स्पष्ट ध्यान रखा जाये कि इलाज और
शरीर को शक्ति दने वाले भोज्य पदार्थ जैसे दूध, घी, मक्खन, सोया, केला, शुष्क फल जैसे बादाम, अखरोट  का सेवन करें जिससेशरीर की सामान्य कमजारेी दूर होकर शरीर ताकतवर बना रहे।
वीर्य की कमी
इसके लिये तुरुजबीन सफेद 8 तोला लेकर ताजा दूध 300 मिली में डालकर उस वक्त तब उबालें जब तक दूध गाढाा न हो जाये ।
खुराक
सोते समय 2 चम्मच खाये ।
माजून जबूब जायदुल मनी एक तोला सुबह शाम दूध के साथ खायें। इसके साथ ही माजून मुकब्बीबाह एक तोला रात में सोते समय पानीके साथ उपयोग करें ।
शर्म न नफरत
इसके लिये पुरुष केा अपने दिल व दिमाग से औरतों के प्रति नफरत वशर्म खत्म करने की कोशिश करनी चाहिये ।
सोच व फिक्र
प्रथम सहवास में असफल होने का मतलब यह नहीं है कि पुरुष के अन्दर मर्दाना शक्ति की कमी है। यह बहम त्याग कर बेहतर मूड में संभोग करे। यकीन मानें कि सफलता मिलेगी। यदि किसी कारण बार बार संभोग करने पर भी कामयाबी नहीं मिलती है तो तुरन्त किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें ।
शिश्न का कमजोर या ढीलापन
शिश्न के कमजोर या ढीले होने की स्थिति में जबकि शिश्न में सख्ती और कड़ापन नहीं हो पता है और पुरुष संभोग करने में असफल रहता है उनके लिये कुछ विशेष प्रकार  योग होते  हैं। इनका ठीक प्रकार से उपयोग करके लाभ प्रात किया जा सकता है।  योग्य चिकित्सक की सलाह से ही इलात करना फायदेमंद रहेगा अन्यथा हानि हो सकती है।

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जोश-ए-जवानी

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