अजेय भारत ब्यूरो : प्यार की अभिव्यक्ति का खूबसूरत जरिया है सेक्स, लेकिन वक्त की कमी और हालात ने सेक्स को सिर्फ एक शारीरिक क्रिया बनाकर रख दिया है, नतीजा सेक्स-संबंधी समस्याएं बढती जा रही हैं। यूं तो सेक्स शक्ति बढाने का दावा कई दवाएं करती हैं, लेकिन सवाल यह है कि इन पर कितना विश्वास किया जाए.. ऎसे में सबसे सुरक्षित और असरकारी तरीका है मसाज थेरेपी। सेक्स में मसाज का पूरा फायदा तभी मिलेगा, जब पार्टनर्स एक-दूसरे का मसाज करें। रोमांटिक माहोल में प्यार व सेक्सी तरीके से किए गए मसाज की बात और उसका उसर ही कुछ और होता है।
मसाज के कई फायदे हैं, बहुत से रोगों और शरीरिक कमजोरी में भी इससे लाभ मिलता है। जहां तक सेक्स-संबंधी अधिकतर समस्याएं तनाव से उत्पन्न होती हैं और मसाज तनाव दूर करने का कारगर तरीका है। मसाज से रामछिद्र खुाल जाते हैं, त्वचा पर चमक आती है, साथ ही रक्तसंचार तेज होता है, जिससे बाकी अंगों के साथ-साथ सेक्स ऑर्गन्स को भी पोषण मिलता है। मसाज के प्रकार मालिश को वैज्ञानकि रूप से तीन भागों में बांटा है। क फ्रिक्शन यानी घर्षण, जिसमें दोनों हाथों से मांसपेशियों को जोर से रगडकर मालिश की जाती है। इससे रक्तसंचार तेज होता है, जिससे मांसपेशियों और टिश्यूज को शक्ति मिलती है। बीटिंग यानी हल्की थपकी। इसमें हल्की थपकी, ताल या कंपन का प्रयोग होता है। इसमें उंगलियों या हथेली से पूरे शरीर पर या किसी विशेष अंग पर थपकी द्वारा मालिश की जाती है, जिससे खासतौर से मूत्राशय और प्रजनन अंगों की कमजोरी दूर होती है। इससे महिलाओं की मासिक संबंधी गडबडी के साथ-साथ एसिडिटी और कब्ज भी दूर होता है। हल्के-हल्के मुक्के मारने से भी लाभ मिलता है। नितंबो पर इस तरह से मालिश करने से çस्त्रयों के सेक्स ऑर्गन्स को शक्ति मिलती है। तीसरे प्रकार की मालिश में जिस तरह आटा गूंधा जाता है, उसी तरह से मांसपेशियों पर मालिश की जाती है, जिससे सेक्स ऑर्गन्स को खासतौर से लाभ मिलता है। दरअसल मसाज एक तरह का निष्क्रिय व्यायाम है। जो लोग एक्सरसाइज नहीं कर सकते, वो मसाज के जरिए इसका लाभ उठा सकते हैं। हमारे यहां मोच आने पर, सिरदर्द में या टूटी हडि्डयों को बैठाने के लिए ही ज्यादातर मसाज का प्रयोग किया जाता है। हमारे यहां सेक्स के लिए मसाज थेरेपी उतनी पॉपुलर नहीं है, जबकि विदेशों में सेक्स विकारों को दूर करने के लिए मसाज थेरेपी काफी प्रचलित है। किस प्रकार का तेल प्रयोग करें क मसाज केलिए नारियल, तिल या जैतून का तेल अच्छा रहता है। आयुर्वेद में सुगंधित तेलों के प्रयोग पर जोर दिया गया है। तेल का चुनाव मौसम को देखते हुए भी करना चाहिए। आमतौर पर नारायण तेल, शतावरी तेल, चंदनबाला, दशमूल व लाक्षा तेल के प्रयोग पर जोर दिया जाता है। इन सुगंधित तेलों के प्रयोग से दोहरा लाभ मिलता है, मालिश के लाभ के साथ-साथ इनकी खुशबू का भी असर होता है। सुगंधित चीजें सेक्स इच्छा का बढाती हैं और जिन पु्ररूषों को सेक्स-संबंधी कोई कमजोरी है, वो इनके प्रयोग से बिना दवा के ठीक हो सकते हैं। मसाज का तरीका मसाज के लिए सबसे पहले सुगंधित तेल हथेलियों पर लगाकर जिस अंग की मालिश करनी हो, उस पर हल्के से दबाव डालकर मालिश करें। यह मालिश तब तक करें, जब तक कि तेल पूरी तरह न सोख ले और अंग की त्वचा हल्की लाल न हो जाए। यह मालिश शीघ्रपतन के रोगियों के लिए काफी लाभदायक होती है। मालिश इस तरह से करें कि रक्तप्रवाह ऊपर की ओर हो। मालिश की शुरूआत पैरों से करें। शरीर के अंगों को मसाज करते समय हाथों व मूवमेंट की दिशा नीचे से ऊपर की ओर होनी चाहिए। अगर हाथों की मालिश उंगुलियो से शुरू करके कंधों की तरफ बढें। मसाज की दिशा शरीर में हो रहे रक्तसंचार की दिशा से विपरीत नहीं होनी चाहिए। पैर के तलुओं से शुरू करके फिर पैर की उंगलियो, पिंडलियों, जांघो की मालिश करें और उसके बाद हाथों, भुजाओं, पेट, वक्षस्थल, पीठ, कंधो की मालिश करें। जांघों के अंदरूनी भाग, हाथ-पैरों के उंगलियों के बीच में, स्तनों के आस-पास मालिश करने से सेक्स उत्तेजना बढाने में विशेष लाभ मिलता है। क मालिश से महिलाएं अपने शरीर को आकर्षक बना सकती हैं। स्तनों का सेक्स में काफी महत्व है, अत: महिलाओं के स्तन कम विकसित हैं, वे स्तनों पर हल्के दबाव के साथ घष्ाüण करते हुए स्तनों की मालिश करें। बेहतर होगा कि ये मालिश खुद न करके किसी एक्सपर्ट से करवाएं। मालिश के अन्य उपाय आज अधिकतर लोग शीघ्रपतन और नपुंसकता से पीडित हैं। इसके कारण वो सेक्स सुख से वंचित रहते हैं, पति की कमजोरी के कारण çस्त्रयां भी सेक्स सुख नहीं ले पातीं, ऎसी हालत में खास तरीके से बने तेल से मालिश करने से सेक्स प्रॉब्लम्स को दूर करके सुख की अनुभूति ली जा सकती है। सेक्स बूस्टर ऑइल चंदनादि तेल – श्वेत चंदन, लाल चंदन, पतंग, कालीयक की लक़डी, अगर, देवदारू, सरल काष्ठ, पद्दाख, तून की लक़डी, कपूर, कस्तूरी, शिलारस, केशर, जायफल, चमेली के पत्ते, लौंग, छोटी इलायची, ब़डी इलायची, शीतलचीनी, दालचीनी, तेजपाल, नागकेशर, सुगंधबाला, खस, जटामांसी, छैल छरीला, नागरमोथा, रेणुका, प्रियंगु, गंधबिरोजा, कपूर, गूगल, लाख, नखी, राल, धाय के फूल, गाठबन, मजीठ, तगर, मोम-प्रत्येक 5-5 ग्राम लेकर सभी को एक साथ पीसकर चटनी बना लें। फिर इसे एक किलो तिल के तेल में मिलाकर तेल सिद्ध कर लें। इसे महाचंदानादि तेल कहते हैं। यह तेल मेडिकल स्टोर्स पर भी उपलब्ध है। इस तेल से मालिश करने से न सिर्फ सेक्स पावर बढ़ता है, बल्कि यह तेल रक्तपित्त, क्षय, ज्वर, शरीर में जलन, प्रस्वेद, दुर्गध, कुष्ठ और खुजली को भी नष्ट करता है। भल्लाताकाद्य तेल – भिलवा, बडी कटेरी तथा अनार के फल का छिलका तीनों को समान मात्रा मे लेकर 250 ग्राम कल्क बना लें। फिर इसे चौगुने (1किलो) सरसों के तेल और चार लीटर पानी में मिलाकर पकाएं। जब केवल तेल रह जाए तो इसे उतारकर छान लें और शीशी में रख लें। पुरूष की जननेंद्रिय पर इस तेल से मालिश करने से कमजोरी दूर होगी और वह लंबे समय तक सेक्स कर पाएगा। अश्वगंधा तेल – अश्वगंधा, शतावरी, कूठ, जटामांसी तथा छोटी व बडी कटेरी के फू ल – सभी को समान मात्रा में लेकर 250 ग्राम कल्क बना लें। इसे एक किलों तिल का तेल और चार लीटर दूध में मिलाकर मालिश करने से पुरूषों की जननेंद्रिय व महिलाओं के स्तन दृढ होते हैं। तिला का प्रयोग – दालचीनी का तेल, बादाम का तेल, जमालगोटा का तेल और पिस्ता का तेल – सभी तेल समान मात्रा में लेकर एक साथ मिलाकर रख लें। इसे एक बूद की मात्रा में रात को सोेते समय इंद्रिय पर गलाएं और ऊपर से पान का पत्ता बांधकर सो जाएं। इस तिला का प्रयोग एक महिने तक करने से लिंग का टेढापन, पतलापन एंव असमानता दूर हो जाती है और वो शक्तिशाली हो जाता है।
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मसाज के कई फायदे हैं, बहुत से रोगों और शरीरिक कमजोरी में भी इससे लाभ मिलता है। जहां तक सेक्स-संबंधी अधिकतर समस्याएं तनाव से उत्पन्न होती हैं और मसाज तनाव दूर करने का कारगर तरीका है। मसाज से रामछिद्र खुाल जाते हैं, त्वचा पर चमक आती है, साथ ही रक्तसंचार तेज होता है, जिससे बाकी अंगों के साथ-साथ सेक्स ऑर्गन्स को भी पोषण मिलता है। मसाज के प्रकार मालिश को वैज्ञानकि रूप से तीन भागों में बांटा है। क फ्रिक्शन यानी घर्षण, जिसमें दोनों हाथों से मांसपेशियों को जोर से रगडकर मालिश की जाती है। इससे रक्तसंचार तेज होता है, जिससे मांसपेशियों और टिश्यूज को शक्ति मिलती है। बीटिंग यानी हल्की थपकी। इसमें हल्की थपकी, ताल या कंपन का प्रयोग होता है। इसमें उंगलियों या हथेली से पूरे शरीर पर या किसी विशेष अंग पर थपकी द्वारा मालिश की जाती है, जिससे खासतौर से मूत्राशय और प्रजनन अंगों की कमजोरी दूर होती है। इससे महिलाओं की मासिक संबंधी गडबडी के साथ-साथ एसिडिटी और कब्ज भी दूर होता है। हल्के-हल्के मुक्के मारने से भी लाभ मिलता है। नितंबो पर इस तरह से मालिश करने से çस्त्रयों के सेक्स ऑर्गन्स को शक्ति मिलती है। तीसरे प्रकार की मालिश में जिस तरह आटा गूंधा जाता है, उसी तरह से मांसपेशियों पर मालिश की जाती है, जिससे सेक्स ऑर्गन्स को खासतौर से लाभ मिलता है। दरअसल मसाज एक तरह का निष्क्रिय व्यायाम है। जो लोग एक्सरसाइज नहीं कर सकते, वो मसाज के जरिए इसका लाभ उठा सकते हैं। हमारे यहां मोच आने पर, सिरदर्द में या टूटी हडि्डयों को बैठाने के लिए ही ज्यादातर मसाज का प्रयोग किया जाता है। हमारे यहां सेक्स के लिए मसाज थेरेपी उतनी पॉपुलर नहीं है, जबकि विदेशों में सेक्स विकारों को दूर करने के लिए मसाज थेरेपी काफी प्रचलित है। किस प्रकार का तेल प्रयोग करें क मसाज केलिए नारियल, तिल या जैतून का तेल अच्छा रहता है। आयुर्वेद में सुगंधित तेलों के प्रयोग पर जोर दिया गया है। तेल का चुनाव मौसम को देखते हुए भी करना चाहिए। आमतौर पर नारायण तेल, शतावरी तेल, चंदनबाला, दशमूल व लाक्षा तेल के प्रयोग पर जोर दिया जाता है। इन सुगंधित तेलों के प्रयोग से दोहरा लाभ मिलता है, मालिश के लाभ के साथ-साथ इनकी खुशबू का भी असर होता है। सुगंधित चीजें सेक्स इच्छा का बढाती हैं और जिन पु्ररूषों को सेक्स-संबंधी कोई कमजोरी है, वो इनके प्रयोग से बिना दवा के ठीक हो सकते हैं। मसाज का तरीका मसाज के लिए सबसे पहले सुगंधित तेल हथेलियों पर लगाकर जिस अंग की मालिश करनी हो, उस पर हल्के से दबाव डालकर मालिश करें। यह मालिश तब तक करें, जब तक कि तेल पूरी तरह न सोख ले और अंग की त्वचा हल्की लाल न हो जाए। यह मालिश शीघ्रपतन के रोगियों के लिए काफी लाभदायक होती है। मालिश इस तरह से करें कि रक्तप्रवाह ऊपर की ओर हो। मालिश की शुरूआत पैरों से करें। शरीर के अंगों को मसाज करते समय हाथों व मूवमेंट की दिशा नीचे से ऊपर की ओर होनी चाहिए। अगर हाथों की मालिश उंगुलियो से शुरू करके कंधों की तरफ बढें। मसाज की दिशा शरीर में हो रहे रक्तसंचार की दिशा से विपरीत नहीं होनी चाहिए। पैर के तलुओं से शुरू करके फिर पैर की उंगलियो, पिंडलियों, जांघो की मालिश करें और उसके बाद हाथों, भुजाओं, पेट, वक्षस्थल, पीठ, कंधो की मालिश करें। जांघों के अंदरूनी भाग, हाथ-पैरों के उंगलियों के बीच में, स्तनों के आस-पास मालिश करने से सेक्स उत्तेजना बढाने में विशेष लाभ मिलता है। क मालिश से महिलाएं अपने शरीर को आकर्षक बना सकती हैं। स्तनों का सेक्स में काफी महत्व है, अत: महिलाओं के स्तन कम विकसित हैं, वे स्तनों पर हल्के दबाव के साथ घष्ाüण करते हुए स्तनों की मालिश करें। बेहतर होगा कि ये मालिश खुद न करके किसी एक्सपर्ट से करवाएं। मालिश के अन्य उपाय आज अधिकतर लोग शीघ्रपतन और नपुंसकता से पीडित हैं। इसके कारण वो सेक्स सुख से वंचित रहते हैं, पति की कमजोरी के कारण çस्त्रयां भी सेक्स सुख नहीं ले पातीं, ऎसी हालत में खास तरीके से बने तेल से मालिश करने से सेक्स प्रॉब्लम्स को दूर करके सुख की अनुभूति ली जा सकती है। सेक्स बूस्टर ऑइल चंदनादि तेल – श्वेत चंदन, लाल चंदन, पतंग, कालीयक की लक़डी, अगर, देवदारू, सरल काष्ठ, पद्दाख, तून की लक़डी, कपूर, कस्तूरी, शिलारस, केशर, जायफल, चमेली के पत्ते, लौंग, छोटी इलायची, ब़डी इलायची, शीतलचीनी, दालचीनी, तेजपाल, नागकेशर, सुगंधबाला, खस, जटामांसी, छैल छरीला, नागरमोथा, रेणुका, प्रियंगु, गंधबिरोजा, कपूर, गूगल, लाख, नखी, राल, धाय के फूल, गाठबन, मजीठ, तगर, मोम-प्रत्येक 5-5 ग्राम लेकर सभी को एक साथ पीसकर चटनी बना लें। फिर इसे एक किलो तिल के तेल में मिलाकर तेल सिद्ध कर लें। इसे महाचंदानादि तेल कहते हैं। यह तेल मेडिकल स्टोर्स पर भी उपलब्ध है। इस तेल से मालिश करने से न सिर्फ सेक्स पावर बढ़ता है, बल्कि यह तेल रक्तपित्त, क्षय, ज्वर, शरीर में जलन, प्रस्वेद, दुर्गध, कुष्ठ और खुजली को भी नष्ट करता है। भल्लाताकाद्य तेल – भिलवा, बडी कटेरी तथा अनार के फल का छिलका तीनों को समान मात्रा मे लेकर 250 ग्राम कल्क बना लें। फिर इसे चौगुने (1किलो) सरसों के तेल और चार लीटर पानी में मिलाकर पकाएं। जब केवल तेल रह जाए तो इसे उतारकर छान लें और शीशी में रख लें। पुरूष की जननेंद्रिय पर इस तेल से मालिश करने से कमजोरी दूर होगी और वह लंबे समय तक सेक्स कर पाएगा। अश्वगंधा तेल – अश्वगंधा, शतावरी, कूठ, जटामांसी तथा छोटी व बडी कटेरी के फू ल – सभी को समान मात्रा में लेकर 250 ग्राम कल्क बना लें। इसे एक किलों तिल का तेल और चार लीटर दूध में मिलाकर मालिश करने से पुरूषों की जननेंद्रिय व महिलाओं के स्तन दृढ होते हैं। तिला का प्रयोग – दालचीनी का तेल, बादाम का तेल, जमालगोटा का तेल और पिस्ता का तेल – सभी तेल समान मात्रा में लेकर एक साथ मिलाकर रख लें। इसे एक बूद की मात्रा में रात को सोेते समय इंद्रिय पर गलाएं और ऊपर से पान का पत्ता बांधकर सो जाएं। इस तिला का प्रयोग एक महिने तक करने से लिंग का टेढापन, पतलापन एंव असमानता दूर हो जाती है और वो शक्तिशाली हो जाता है।
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