कहा गया है कि महिलाओं के लिए सबसे कुछ खास है तो वो है सेक्स। इसके बिना वो मुर्झाए फूल की तरह हो जाती हैं। लेकिन आखिर ऐसा क्या है कि महिलाएं कभी-कभी सेक्स से डरती भी हैं। जो चींज लुभाती है, वो अगर डराए भी तो क्या हो! लेकिन ऐसा होता है और अक्सर होता है। इस डर से बचना जरूरी है। अगर डर होगा तो फिर सेक्स में मजा नहीं होगा। देखा गया है कि डर की वजह से अनेकों महिलाओं की सेक्स लाइफ बोरिंग हो जाती है। कई तो इससे बचना भी चाहती हैं और इसके लिए तरह-तरह के बहाने बनाती हैं।
पुरुषों के लिए फैंटेसी, महिलाएं होती हैं इमोशनल: सेक्स जहां पुरुषों के लिए अपनी अजीबो-गरीब फैंटेसी को पूरा करने का साधन है, वहीं औरतों के लिए यह रिलेशन काफी इमोशनल होता है। सेक्स के दौरान महिलाएं अपने आप को पूरी तरह से समर्पित कर देती हैं, लेकिन अक्सर पुरुष सेक्स संबंधों के दौरान भावनाओं में नहीं बहते। उनके लिए महज शारीरिक संतुष्टि ही काफी होती है।
प्रेग्नेंसी का डर: सेक्स करते हुए महिलाओं के लिए सबसे बड़ा डर प्रेग्नेंसी का होता है। अक्सर पुरुष साथी कंडोम का प्रयोग नहीं करना चाहते। दूसरे, कई महिलाएं भी कंडोम के साथ सेक्स में वो आनंद प्राप्त नहीं कर पाती। कई बार सेक्स संबंध इतने अचानक बन जाते हैं कि कुछ सोचने का मौका नहीं मिलता। प्रेग्नेंसी का डर सेक्स के बाद महिलाओं की चिंता का सबसे बड़ा कारण होता है।
संतुष्टि: पुरुषों को महिलाओं की इच्छा समझना चाहिए, पोर्न की तरह व्यवहार न करें। प्राय: पुरुष सेक्स के दौरान महिलाओं की इच्छाओं और उनकी भावनाओं का ख्याल नहीं करते। वे सिर्फ अपनी संतुष्टि से मतलब रखते हैं। यह एक स्वार्थी रवैया है। महिलाएं संवेदनशील व्यवहार से संतुष्ट होती हैं, पर पुरुष उनके साथ कुछ इस तरह सेक्स करना चाहते हैं मानो किसी पोर्न स्टार के साथ सेक्स कर रहे हैं।
पीरियड्स में सेक्स: यह महिलाओं के डर का बहुत बड़ा कारण है। सेक्स मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं में सेक्स की इच्छा काफी बढ़ जाती है, पर उन्हें लगता है कि इस अवस्था में अगर सेक्स किया तो पता नहीं इससे क्या समस्या पैदा हो जाए। दूसरे, पीरियड्स के दौरान पुरुष भी महिलाओं के साथ सेक्स करने में रुचि नहीं लेते। पीरियड में सेक्स नहीं करना चाहिए, यह एक गलत धारणा है। इस दौरान सेक्स करने से कुछ भी नहीं होता। इसलिए महिलाओं को इस डर से मुक्त हो जाना चाहिए
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पुरुषों के लिए फैंटेसी, महिलाएं होती हैं इमोशनल: सेक्स जहां पुरुषों के लिए अपनी अजीबो-गरीब फैंटेसी को पूरा करने का साधन है, वहीं औरतों के लिए यह रिलेशन काफी इमोशनल होता है। सेक्स के दौरान महिलाएं अपने आप को पूरी तरह से समर्पित कर देती हैं, लेकिन अक्सर पुरुष सेक्स संबंधों के दौरान भावनाओं में नहीं बहते। उनके लिए महज शारीरिक संतुष्टि ही काफी होती है।
प्रेग्नेंसी का डर: सेक्स करते हुए महिलाओं के लिए सबसे बड़ा डर प्रेग्नेंसी का होता है। अक्सर पुरुष साथी कंडोम का प्रयोग नहीं करना चाहते। दूसरे, कई महिलाएं भी कंडोम के साथ सेक्स में वो आनंद प्राप्त नहीं कर पाती। कई बार सेक्स संबंध इतने अचानक बन जाते हैं कि कुछ सोचने का मौका नहीं मिलता। प्रेग्नेंसी का डर सेक्स के बाद महिलाओं की चिंता का सबसे बड़ा कारण होता है।
संतुष्टि: पुरुषों को महिलाओं की इच्छा समझना चाहिए, पोर्न की तरह व्यवहार न करें। प्राय: पुरुष सेक्स के दौरान महिलाओं की इच्छाओं और उनकी भावनाओं का ख्याल नहीं करते। वे सिर्फ अपनी संतुष्टि से मतलब रखते हैं। यह एक स्वार्थी रवैया है। महिलाएं संवेदनशील व्यवहार से संतुष्ट होती हैं, पर पुरुष उनके साथ कुछ इस तरह सेक्स करना चाहते हैं मानो किसी पोर्न स्टार के साथ सेक्स कर रहे हैं।
पीरियड्स में सेक्स: यह महिलाओं के डर का बहुत बड़ा कारण है। सेक्स मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं में सेक्स की इच्छा काफी बढ़ जाती है, पर उन्हें लगता है कि इस अवस्था में अगर सेक्स किया तो पता नहीं इससे क्या समस्या पैदा हो जाए। दूसरे, पीरियड्स के दौरान पुरुष भी महिलाओं के साथ सेक्स करने में रुचि नहीं लेते। पीरियड में सेक्स नहीं करना चाहिए, यह एक गलत धारणा है। इस दौरान सेक्स करने से कुछ भी नहीं होता। इसलिए महिलाओं को इस डर से मुक्त हो जाना चाहिए
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