नए विवाहित दम्पत्तियों के लिए प्रेम संबंध स्थापित करने के मामले में एक ही समस्या होती है वह है अपने साथी को पूर्ण रूप से खुश करना। पुरूष समझ ही नहीं पाते कि कैसे अपने साथी को संभोग का चरम आनंद प्रदान कर सके और पूरी तरह से संतुष्ट कर सके।
कामसूत्र में अनेक ऐसे सेक्स पोजिशन के बारे में बताया गया है जिसके मदद से पुरूष स्त्री के योनि (vagina) के द्वार में अपने लिंग (penis) को अच्छी तरह से पेनिट्रेट कर पायेंगे और अपने साथी को संभोग का पूर्ण आनंद दे पायेंगे।
यह पोजिशन सबसे पुराना और आजमाया हुआ पोजिशन है जिसमें कुछ छोटे-से बदलाव के द्वारा आप अपने प्रेम संबंध को मधुर और कार्यकारी बना सकते है। इस पोजिशन में पुरूष महिला के ऊपर होता है और दोनों इस अवस्था में सेक्स का ज़्यादा देर तक आनंद उठा पाते हैं। लेकिन पेनिट्रेशन को ज़्यादा प्रभावकारी बनाने के लिए स्त्री के पीठ के नीचले भाग में तकिया रखकर पैरों को थोड़ा उठाने से काम अच्छी तरह से हो पाता है। इस तरीके से आप अपने साथी को शारीरिक सुख का पूरा आनंद देने में सक्षम हो पायेंगे।
डॉगी स्टाइल-
इस पोजिशन में महिला सेक्स करने के वक्त घुटनों के बल अपने साथी के विमुख बैठ जाती हैं। कभी-कभी सेक्स करने में आसानी होने के कारण वह पेट के बीच में तकिया भी रख सकती हैं। इस अवस्था में अच्छी तरह पेनिट्रेशन का लाभ उठाया जा सकता है लेकिन पुरूष को सेक्स प्रक्रिया के दौरान थोड़ा खुद पर नियंत्रण रहने की भी ज़रूरत होती है।
लस्टी लेग-
इस पोजिशन में सेक्स का आनंद उठाना उन्हीं लोगों के लिए आसान होता है जिनका शरीर लचीला होता है। इस अवस्था में दोनों एक दूसरे के सामने खड़े होते हैं। महिला अपने पैर को पुरूष के कंधे पर रखती है और पुरूष महिला को अपने पास लाता है। और इस तरह वे संभोग का सुख अच्छी तरह से उठा पाते हैं।
बटरफ्लाई-
यह पोजिशन लस्टी लेग के ही तरह थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि शरीर की मांसपेशियाँ अगर लचीली नहीं हैं तो चोट लगने की संभावना हो सकती है। इस अवस्था में आनंद उठाने के लिए महिला को शारीरिक रूप से पूर्ण स्वस्थ होना ज़रूरी होता है क्योंकि कमर या शरीर में दर्द होने से सेक्स का आनंद भी नहीं उठा पायेंगे और चोट लगने की संभावना भी बढ़ जायेगी।
इस अवस्था में महिला बिस्तर के किनारे में सोती है और पुरूष उसके सामने इस तरह से खड़ा होता है जिससे कि वह अपने पैरों को पुरूष के कंधे पर उठा सके। महिला अपने नीचले भाग को ऊपर उठाने के लिए तकिये का भी सहारा ले सकती है। इससे पुरूष अपने लिंग को योनि मार्ग में अच्छी तरह से पेनिट्रेट कर पाते हैं।
मिशनरी स्टाइल का उल्टा (सिटिंग काउगर्ल)-
जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि यह मिशनरी स्टाइल का उल्टा है। इस पोजिशन में महिला पुरूष के ऊपर होती है। इस अवस्था में संभोग का सुख तो मिलता है मगर थोड़ी-सी भी असावधानी से योनि मार्ग में चोट लगने का खतरा भी हो सकता है।
गोद में-
इस पोजिशन में दोनों एक दूसरे के बहुत करीब आ पाते हैं। पुरूष बिस्तर या कुर्सी के किनारे पर आराम से बैठने के बाद महिला उसके तरफ मुँह करके गोद में बैठ जाती है। लेकिन उसका पैर पुरूष के शरीर के दूसरे तरफ होता है। इस अवस्था में पेनिट्रेशन का बहुत ज़्यादा सुख मिल पाता है। इस पोजिशन की एक अच्छी बात यह है कि महिला स्थिति को अपने मुताबिक संचालित कर पाती है।
ऐन्विल
इस पोजिशन में पुरूष महिला के ऊपर मिशनरी पोजिशन की तरह तो होता है मगर महिला के दोनों पैर पुरूष के कंधे पर होता है, जो सेक्स करने के चरम सुख को प्राप्त करने में पूरी तरह से मदद करता है।
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कामसूत्र में अनेक ऐसे सेक्स पोजिशन के बारे में बताया गया है जिसके मदद से पुरूष स्त्री के योनि (vagina) के द्वार में अपने लिंग (penis) को अच्छी तरह से पेनिट्रेट कर पायेंगे और अपने साथी को संभोग का पूर्ण आनंद दे पायेंगे।
यह पोजिशन सबसे पुराना और आजमाया हुआ पोजिशन है जिसमें कुछ छोटे-से बदलाव के द्वारा आप अपने प्रेम संबंध को मधुर और कार्यकारी बना सकते है। इस पोजिशन में पुरूष महिला के ऊपर होता है और दोनों इस अवस्था में सेक्स का ज़्यादा देर तक आनंद उठा पाते हैं। लेकिन पेनिट्रेशन को ज़्यादा प्रभावकारी बनाने के लिए स्त्री के पीठ के नीचले भाग में तकिया रखकर पैरों को थोड़ा उठाने से काम अच्छी तरह से हो पाता है। इस तरीके से आप अपने साथी को शारीरिक सुख का पूरा आनंद देने में सक्षम हो पायेंगे।
डॉगी स्टाइल-
इस पोजिशन में महिला सेक्स करने के वक्त घुटनों के बल अपने साथी के विमुख बैठ जाती हैं। कभी-कभी सेक्स करने में आसानी होने के कारण वह पेट के बीच में तकिया भी रख सकती हैं। इस अवस्था में अच्छी तरह पेनिट्रेशन का लाभ उठाया जा सकता है लेकिन पुरूष को सेक्स प्रक्रिया के दौरान थोड़ा खुद पर नियंत्रण रहने की भी ज़रूरत होती है।
लस्टी लेग-
इस पोजिशन में सेक्स का आनंद उठाना उन्हीं लोगों के लिए आसान होता है जिनका शरीर लचीला होता है। इस अवस्था में दोनों एक दूसरे के सामने खड़े होते हैं। महिला अपने पैर को पुरूष के कंधे पर रखती है और पुरूष महिला को अपने पास लाता है। और इस तरह वे संभोग का सुख अच्छी तरह से उठा पाते हैं।
बटरफ्लाई-
यह पोजिशन लस्टी लेग के ही तरह थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि शरीर की मांसपेशियाँ अगर लचीली नहीं हैं तो चोट लगने की संभावना हो सकती है। इस अवस्था में आनंद उठाने के लिए महिला को शारीरिक रूप से पूर्ण स्वस्थ होना ज़रूरी होता है क्योंकि कमर या शरीर में दर्द होने से सेक्स का आनंद भी नहीं उठा पायेंगे और चोट लगने की संभावना भी बढ़ जायेगी।
इस अवस्था में महिला बिस्तर के किनारे में सोती है और पुरूष उसके सामने इस तरह से खड़ा होता है जिससे कि वह अपने पैरों को पुरूष के कंधे पर उठा सके। महिला अपने नीचले भाग को ऊपर उठाने के लिए तकिये का भी सहारा ले सकती है। इससे पुरूष अपने लिंग को योनि मार्ग में अच्छी तरह से पेनिट्रेट कर पाते हैं।
मिशनरी स्टाइल का उल्टा (सिटिंग काउगर्ल)-
जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि यह मिशनरी स्टाइल का उल्टा है। इस पोजिशन में महिला पुरूष के ऊपर होती है। इस अवस्था में संभोग का सुख तो मिलता है मगर थोड़ी-सी भी असावधानी से योनि मार्ग में चोट लगने का खतरा भी हो सकता है।
गोद में-
इस पोजिशन में दोनों एक दूसरे के बहुत करीब आ पाते हैं। पुरूष बिस्तर या कुर्सी के किनारे पर आराम से बैठने के बाद महिला उसके तरफ मुँह करके गोद में बैठ जाती है। लेकिन उसका पैर पुरूष के शरीर के दूसरे तरफ होता है। इस अवस्था में पेनिट्रेशन का बहुत ज़्यादा सुख मिल पाता है। इस पोजिशन की एक अच्छी बात यह है कि महिला स्थिति को अपने मुताबिक संचालित कर पाती है।
ऐन्विल
इस पोजिशन में पुरूष महिला के ऊपर मिशनरी पोजिशन की तरह तो होता है मगर महिला के दोनों पैर पुरूष के कंधे पर होता है, जो सेक्स करने के चरम सुख को प्राप्त करने में पूरी तरह से मदद करता है।
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