सेक्स में भरपूर संतुष्टि के लिए मस्तिष्क और शरीर के बीच तालमेल बेहद
जरूरी है। यौन सुख तभी चरम पर पहुंच सकता है जब दोनों पार्टनर शरीर और
मस्तिष्क दोनों से एकाकार हो जाएं। एक का सुख दूसरे को सुख दे और एक की संतुष्टि दूसरे की चरम संतुष्टि बन
जाए।
सेक्स विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि आप संभोग के दौरान पूर्ण संतुष्टि यानी आर्गेज्म हासिल करना चाहते हैं तो इन चार रास्तों से होकर गुजरें। यकीन मानिए सेक्स का असीम आनंद आपको विभोर कर देगा…!
सिडक्शन: सेक्स में आनंद पाने के लिए जरूरी है कि आपका पार्टनर उसके लिए मानसिक रूप से तैयार हो। इसलिए जरूरी यह है कि सबसे पहले आप अपने पार्टनर में सेक्स के लिए इच्छा जगाएं।
सेनसेशन: यौन क्रिया का आनंद उठाने के लिए जरूरी है कि इसमें दोनो पार्टनर की सारी इंद्रिया शामिल हों। मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर का हर अंग यौन उत्तेजना के अनुरूप कार्य करे और सेक्स सुख को महसूस करे। इससे सेक्स में गति आती है और उत्तेजना बढ़ते-बढ़ते आनंद के स्तर तक पहुंच जाता है।
सरेंडर: जब आपको लगे की आपका पार्टनर आपकी सहमति और समर्पण चाहता है तो उसके सामने अपने आप को समर्पित कर दें। यदि दोनों एक साथ यौन क्रिया को अंजाम देते रहेंगे तो किसी को सच्चा सुख नहीं मिलेगा। इसलिए संपूर्ण यौन क्रिया में रुक-रुक कर ड्राइवर की सीट बदलते रहें। एक जब ड्राइवर हो तो दूसरा केवल दर्शक बनकर खुद को उसके हाथों में समर्पित कर दे।
रिफलैक्शन: यौन क्रिया के दौरान यह भी जरूरी है कि आप अपनी इच्छाओं, भावनाओं व सुख को खुल कर अपने साथी से बांटें। उदाहरण के लिए एक-दूसरे को बताएं कि कब अच्छा लग रहा है, कब ठहरने का मन है, कब सेक्स में गति बढ़ाने की इच्छा हो रही है…वगैरह-वगैरह। इससे दोनों को असीम सुख मिलेगा।
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सेक्स विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि आप संभोग के दौरान पूर्ण संतुष्टि यानी आर्गेज्म हासिल करना चाहते हैं तो इन चार रास्तों से होकर गुजरें। यकीन मानिए सेक्स का असीम आनंद आपको विभोर कर देगा…!
सिडक्शन: सेक्स में आनंद पाने के लिए जरूरी है कि आपका पार्टनर उसके लिए मानसिक रूप से तैयार हो। इसलिए जरूरी यह है कि सबसे पहले आप अपने पार्टनर में सेक्स के लिए इच्छा जगाएं।
सेनसेशन: यौन क्रिया का आनंद उठाने के लिए जरूरी है कि इसमें दोनो पार्टनर की सारी इंद्रिया शामिल हों। मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर का हर अंग यौन उत्तेजना के अनुरूप कार्य करे और सेक्स सुख को महसूस करे। इससे सेक्स में गति आती है और उत्तेजना बढ़ते-बढ़ते आनंद के स्तर तक पहुंच जाता है।
सरेंडर: जब आपको लगे की आपका पार्टनर आपकी सहमति और समर्पण चाहता है तो उसके सामने अपने आप को समर्पित कर दें। यदि दोनों एक साथ यौन क्रिया को अंजाम देते रहेंगे तो किसी को सच्चा सुख नहीं मिलेगा। इसलिए संपूर्ण यौन क्रिया में रुक-रुक कर ड्राइवर की सीट बदलते रहें। एक जब ड्राइवर हो तो दूसरा केवल दर्शक बनकर खुद को उसके हाथों में समर्पित कर दे।
रिफलैक्शन: यौन क्रिया के दौरान यह भी जरूरी है कि आप अपनी इच्छाओं, भावनाओं व सुख को खुल कर अपने साथी से बांटें। उदाहरण के लिए एक-दूसरे को बताएं कि कब अच्छा लग रहा है, कब ठहरने का मन है, कब सेक्स में गति बढ़ाने की इच्छा हो रही है…वगैरह-वगैरह। इससे दोनों को असीम सुख मिलेगा।
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