सुनने में आता है कि ब्रrााण्ड का निर्माण ओम से हुआ है। यह शब्द अंग्रेजी के "ओ" अक्षर से बनता है। अंग्रेज एल्फाबेट में इसका स्थान 15वां है इसलिए यह अंक छह के प्रभाव में होता है। इस शब्द से दर्शनिक सोच बढती है। इसका एक पहलू बताता है कि ओ अक्षर ब्रrााण्ड की तरह गोल है जिसमें सभी कुछ समाया हुआ है। दूसरा पहलू बताता है कि यह शूून्य के समान है जिसमें कुछ भी नहीं है। यह गुण उन लोगों में पाया जाता है। जिनका नाम "ओ" अक्षर से शुरू होता है। ऎसे लोग दर्शन एवं आध्यत्मिक विषयों में अधिक रूचि दिखाते हैं। आधुनिक युग के महान संत ओशो का नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता है। विज्ञान विषयों में इनकी बुद्धि खूब चलती है। इस अक्षर के नाम वाले व्यक्ति काफी उर्जावान होते हैं और सामाजिक कायोंü में बढ-चढकर हिस्सा लेते हैं। प्रेम एवं रिश्ते इनके लिए काफी महत्वपूर्ण होता। सेक्स लाईफ को काफी पंसद करते हैं। अक्षर इस तरह के व्यक्ति काफी महत्वाकांक्षी होते है। जीवन में शीघ्रता से ऊंचाई को छूना इनकी आदत होती है। जीवन का पूर्वार्ध संघर्षपूर्ण रहता है लेकिन उत्तरार्ध सुखमय होता है। बातों को दिल से लगाकर बैठ जाने की भी इनमें प्रवृति होती है।
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