लंदन की विस्कॉन्सिन-यू क्लेयर यूनीवर्सिटी द्वारा 400 वयस्कों पर किए गए एक अध्ययन के नतीजे कहते हैं कि महिला और पुरुष के बीच दोस्ती में अगर किसी एक के द्वारा आकर्षण की भावना या सेक्स करने की चाह की अभिव्यक्ति होती है, तो वह ज्यादातर पुरुष मित्र की ओर से ही होती है। इस अध्ययन के मुख्य लेखक एप्रिल ब्लेस्क रेचेक का मानना है कि दो विपरीत लिंगों के बीच पैदा होनेवाले प्लाटोनिक रिश्ते मानव विकास में इतिहास होकर रह गए हैं। पुरुष आज भी अपनी यौन भावना के हाथों मजबूर है और महिलाओं को देखते ही सेक्स में पहल करने को आतुर हो जाता है।
अध्ययन का तरीका
इस अध्ययन के लिए 18 से 52 वर्ष के लोगों को दो समूहों में बांटा गया था। इस अध्ययन का मकसद था उन लोगों का अपने विपरीत लिंगी दोस्त के प्रति आकर्षण, उनके साथ रोमांटिक डेट पर जाना और यह जानना कि क्या उनका वह दोस्त भी उनके प्रति उतना ही आकर्षित है, जितना उसके प्रति वे खुद आकर्षित हैं।
इसके नतीजे दिखाते हैं कि ज्यादातर पुरुषों ने बेधड़क यह बताया कि वे अपने विपरीत लिंगी दोस्त के प्रति आकर्षण महसूस करते हैं यानी उनके साथ सेक्स करने की चाह रखते हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने दिल से यह महसूस किया कि उनका वह विपरीत लिंगी दोस्त यानी महिला दोस्त भी उनके प्रति वही चाह रखता है।
महिलाएं क्या चाहती हैं?
जब बात महिलाओं की आई तो मामला इसके बरक्स ही निकला। ज्यादातर महिलाओं के नतीजों से साबित हुआ कि वे अपने पुरुष मित्र के प्रति आकर्षित नहीं होतीं और न सेक्स की चाह रखती हैं। साथ ही जब उनके द्वारा पुरुष मित्रों की मन की थाह लेने की बात आई तो वे वहां भी ज्यादा कुछ नहीं सोच पातीं यानी वे पुरुष को वहीं तक रखती हैं जहां वे खुद खड़ी रहती हैं।
सेक्स के मामले में पुरुष होते हैं मौकापरस्त
डॉ. ब्लेस्क कहते हैं कि ऐतिहासिक और जेनेटिक रूप से पुरुष को हमेशा यह खतरा बना रहता है कि अगर वह मौके का फौरन फायदा नहीं उठा लेता है, तो फिर उसे खारिज किया जा सकता है। इसलिए तर्क यह है कि पुरुषों का विकास कुछ इस तरह से हुआ है कि सेक्स के मामले में वे बहुत ही मौका परस्त होते हैं।
इस अध्ययन का एक नतीजा यह भी है कि पुरुषों और महिलाओं के बीच इस तरह का आकर्षण पैदा होने के पीछे एक कारण यह भी है कि आकर्षित होनेवाले जोड़े अपने वर्तमान रिश्तों या रोमांटिक पार्टनर से असंतुष्ट रहते हैं।
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