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हनीमून पर मिला 'कामोत्तेजक' तोहफा

शादी के बाद हनीमून के लिए सेशेल गए ब्रिटेन के राजकुमार को वहां की सरकार ने एक खास तोहफा दिया- एक अनूठा नारियल जो अपनी कामोत्तेजक बनावट के लिए मशहूर है।

जिस जंगल में ये होते हैं वहां से आवाजें भी सेक्स क्रिया के दौरान निकलने वाली आवाजों की तरह होती हैं। हवा का एक हल्का झोंका भी कोको-डे-मर के वृक्षों की आपस में रगड़ पैदा करता है।
सेशेल के दूसरे सबसे बड़े द्वीप प्रासलिन के वैली-डे-मे जंगल में सबसे ज्यादा कोको-डे-मर के वृक्ष ही हैं। सेशेल में पर्यटक भी सबसे ज्यादा वैली डे मे को देखने आते हैं।

कोको-डे-मर को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा रहती है क्योंकि एक तो ये दुनिया का सबसे बड़ा बीज है और दूसरे इसका आकार मानव नितंब की तरह दिखता है।


BBC
जब तक पेड़ पर होता है तो बाहर से ये नारियल एक विशालकाय गोले की तरह दिखता है, लेकिन जब इसे छीला जाता है तो अंदर से ये महिला के नितंबों की तरह नजर आता है। और शायद यही वजह है कि ये काफी मंहगा बिकता है और सेशेल से बाहर ले जाने के लिए निर्यात पर्मिट की जरूरत पड़ती है।

भले ही आप हनीमून पर आए शाही दंपत्ति हों या कोई और इस फल के कामोत्तेजक पहलू बिल्कुल स्पष्ट नजर आते हैं। चीन में इसके गूदे को कामोत्तेजना बढ़ाने के लिए खाया जाता है।

नर और मादा पेड़ : और यदि इन बीजों की बनावट से आगे बढ़ें तो ये भी चौंकाने वाली बात है कि इनके पेड़ भी नर और मादा होते हैं। जो मादा पेड़ हैं वो ये फल पैदा करती हैं और ये लगभग सात साल तक बढ़ने के बाद गिर जाते हैं।

वहीं नर पेड़ लिंग के आकार के विशालकाय ट्यूबनुमा फूल पैदा करते हैं जिनके चारों ओर सैंकड़ों खूबसूरत छोटे-छोटे पीले फूल निकलते हैं जिनसे मादक सुगंध निकलती रहती है।

दरअसल कोको-डे-मर एक रहस्यों में घिरा वृक्ष है। किसी को नहीं पता कि इनका परागण हवा से होता है, किसी कीड़े के माध्यम से होता है या फिर किसी छिपकलीनुमा जंतु के ज़रिए।

कुछ लोगों का कहना है कि ये 500 साल तक जीवित रहते हैं और सेशेल के अलावा ये कहीं और नहीं उगते। इनके नीचे कोई और पौधा भी नहीं पनप सकता है।

सेशेल की दंतकथाओं के अनुसार जब पूरे चांद की रात होती है तो कोको-डे-मर के पेड़ जंगल में घूमते हैं जिससे वो संभोग कर सकें। और तब जाकर वो कामोत्तेजक आकार वाले 'प्रेम फल' पैदा करते हैं।


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जोश-ए-जवानी

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