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जानिए, क्या है इन बाबाओं की अद्धुत ताकत का राज?

यह कहानी नई तो नहीं है। फिर भी इस वक्त बेहद जरूरी है। एक बार एक बड़े बाबा के पास उनके भक्त परेशानी लेकर पहुंचे कि उनकी बहू बच्चा पैदा नहीं का पा रही है। बाबा ने तुरंत बहू को आश्रम लाने का आदेश दिया। बहू को बाबा के निजी चैंबर में ठहराया गया और ठीक नौ महीने बाद उसने एक बच्चे को जन्म दिया।
इस रिजल्ट के बाद से आस-पड़ोस के लोग और उनका पूरा परिवार बाबा में और अधिक श्रद्धा रखने लगा। लेकिन क्या उस बाबा के पास महज एक पुरुष की शक्ति थी, या कोई अद्धुत ताकत? आखिर क्या वजह है कि देखते ही देखते हमारे आसपास बाबाओं में गहन श्रद्धा रखने वाले की भारी भीड़ जमा हो जाती है? कुछ रोचक तथ्य -
- वे सेक्स के बंधन को तोड़ते हैं। जाने माने वक्ता ओशो की जो किताब सबसे अधिक प्रसिद्ध हुई, उसका नाम था- संभोग से समाधि तक। किताब के जरिए उन्होंने खुद को सेक्स गुरु के रूप में स्थापित करने की पूरी कोशिश की। इसके बाद इस विवादित दार्शनिक से जुड़ी कई कामुक अफवाहें उडऩे लगी। आश्रम के बाहर भक्तों की लंबी लाइनें देखी जाने लगी।
इसी तरह कई बाबाओं के प्रवचनों में दुनियादारी की बाकी बातों के साथ सेक्स भी शामिल रहा है। तथाकथित संत आसाराम और उसके पुत्र यौन शोषण के कई मामले में लंबे वक्त से जेल में बंद हैं। बहुत दिन नहीं हुए जब एक अभिनेत्री के साथ स्वामी नित्यानंद का अश्लील वीडियो सामने आया था।

- अधिकांश बाबा बिजनेस डील भी करते हैं। अपने भक्त और उसके बिजनेस के बीच वह मध्यस्थ के तौर पर शामिल होते हैं। स्वंयभू तांत्रिक चंद्रास्वामी के बारे में कहा गया कि उनके आम्र्स डीलर अदनान खशोगी के साथ लिंक था। लेकिन सभी बाबा अंतरराष्ट्रीय लिंक नहीं बना पाते। हां, स्थानीय स्तर पर अपने समर्थकों के डील में जरूर साझीदार होते हैं। इतना ही नहीं भक्तों के परिवारिक मामले, शादी ब्याह, लड़ाई झगड़े तक में अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हैं।

- राजनेता बाबाओं को संरक्षण देते हैं। नेता उनके पास इसलिए भी जाना पसंद करते हैं क्योंकि बाबा के समर्थक या वोटरों को प्रभावित किया जा सकता है। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, चंद्रास्वामी के साथ खुद के रिश्ते की खबरों से ऊब गए थे। बीजेपी खुले तौर पर बाबा रामदेव और विवादित डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम से अपने रिश्ते जाहिर करती है।

- पंकज उधास ने एक बार गाया था। मोहे आए न जग से लाज, मैं इतना जोर से नाची आज....। ऐसा लगता है कि वे किसी बाबा के आश्रम से तुरंत लौटकर यह गाना गाए थे। अब भी समाज के एक हिस्से में औरतों के गाने-नाचने को दूसरी तरह से देखा जाता है। ज्यादातर बाबा अपने सत्संग के कार्यक्रम में नाचने-गाने को शामिल करते हैं।
महिलाओं के लिए इसमें शामिल होना रोजमर्रा के कामों से कुछ देर के लिए छुटकारा पाना भी होता है, बाबा इसे अच्छी तरह समझते हैं। इसलिए बाबा महिलाओं के सामने नाचने-गाने को एक प्रलोभन के तौर पर पेश करते हैं।
- और सबसे आखिरी वजह, हम सब लाइलाज मूर्ख हैं। हर साल कई बाबा जेल जाते हैं। कई के फर्जी कारनामें, सेक्स स्कैंडल हमारे सामने एक्सपोज होते हैं लेकिन हमारा ऐसे बाबाओं से मोहभंग होता ही नहीं।

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जोश-ए-जवानी

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