क्या आपने कभी सोचा है कि सुबह के समय पुरुषों में कामेच्छा अधिक क्यों होती है और रात के समय महिलाएं अधिक सक्रिय क्यों होती हैं?
पूरे दिन में अलग-अलग समय पर शरीर में सेक्स हार्मोन का स्तर अलग-अलग होता है, जो सेक्स की इच्छा को प्रभावित करता है।
मुंबई मिरर में प्रकाशित शोध के आधार पर जानें किस समय पुरुषों और महिलाओं में बढ़ती है कामेच्छा और कब घटती है।
साथ ही, इसकी वजह क्या-क्या हैं।
जानें, अलग-अलग समय पर पुरुषों वा महिलाओं की कामेच्छा कैसी होती है। सुबह 5 बजेसुबह पांच बजे यानी सोकर उठने से जरा पहले पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर पूरे दिन की अपेक्षा 25 से 50 प्रतिशत अधिक होता है।
इसका कारण है शरीर का पिट्यूटरी ग्लैंड जो पुरुषों में सेक्स हार्मोन तेजी से बनाता है।
महिलाओं के शरीर में भी टेस्टोस्टेरोन होता है लेकिन सेक्स की इच्छा के लिए सिर्फ यही काफी नहीं है और उन्हें ओस्ट्रेजन और प्रोजेस्टरोन जैसे हार्मोन की जरूरत पड़ती है। इसलिए महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में सुबह कामेच्छा अधिक होती है। सुबह 6 बजेजर्नल ऑफ अमेरिकन असोसिएशन के शोध की मानें तो नींद के बाद सुबह 6 बजे के करीब पुरुषों के शरीर में पर्याप्त मात्रा में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन होता है इसलिए इस समय उनमें कामेच्छा व फर्टिलिटी अधिक होती है। सुबह 7 बजे इस समय पुरुषों के शरीर में सेक्स हार्मोन अधिक होता है लेकिन महिलाओं के शरीर में सेक्स हार्मोन सबसे कम होते हैं। यही वजह है कि पुरुषों में कामेच्छा तो इस वक्त अधिक होती हैं लेकिन महिलाएं इस मामले में ढीली पड़ जाती हैं। सुबह 8 बजे इस समय शरीर में सेक्स हार्मोन तो अधिक होता है लेकिन दिन की शुरुआत करने के तनाव के कारण शरीर में कोर्टिजोल नामक हार्मोन बनना शुरू हो जाता है जो कामेच्छा घटाता है।
दोपहर 12 बजे वेन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की मानें तो आमतौर पर सि समय पर पुरुष और महिलाएं, दोनों ही दिन की व्यस्तता में उलझे होते हैं जिससे उनके सेक्स हार्मोन सक्रिय नहीं होते हैं।
ऐसे में किसी प्रिय घटना या प्रिय व्यक्ति को देखकर उनके शरीर में एंड्रोफिन्स बनते हैं जो सेक्स हार्मोन को सक्रिय कर सकते हैं। चूंकि पुरुष सिर्फ टेस्टोस्टेरोन के बनने से भी उत्तेजित हो सकते हैं इसलिए उनकी उत्तेजना की संभावना अधिक होती है।
दोपहर 1 बजे यह वक्त आमतौर पर भोजन का समय माना जाता है और इस समय मस्तिष्क भूख से लेकर तरह-तरह के तनावों में उलझा होते है जिससे सेक्स हार्मोन सामान्य रहते हैं। शाम 6 बजेयूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोध की मानें तो शाम के इस पहर में पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होना शुरू होता है। वहीं महिलाओं में सेक्स हार्मोन अधिक सक्रिय होने लगते हैं। रात 8 बजे यह समय पुरुषों के सेक्स हार्मोन के लिए बहुत अप्रत्याशित होता है और तनाव का स्तर इन्हें बढ़ाने व घटाने में अहम रोल अदा करता है।
मसलन, टीवी पर चल रहे किसी मैच में जीतने पर टेस्टोस्टेरोन का स्तर 20 प्रतिशत बढ़ भी सकता है और मैच हारने पर इतना ही घट भी सकता है। रात 9 बजे इस समय पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्चेरोन का स्तर सबसे कम होता है जबकि महिलाओं के सेक्स हार्मोन क्रमशः बढ़ते हैं। रात 10 बजे के बाद यानी देर रात महिलाओं के शरीर में सेक्स हार्मोन सबसे अधिक सक्रिय होते हैं। पुरुषों के शरीर में सेक्स हार्मोन घट जाता है लेकिन यह सक्रिय रहता है जिससे कामेच्छा अधिक प्रभावित नहीं होती है।
महिलाओं के लिए यह समय तब सबसे अधिक महत्वपूर्ण है जब वे ओव्यूलेशन के दौर से गुजर रही होती हैं। इन दिनों इस समय वे सबसे अधिक फर्टाइल होती हैं।
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पूरे दिन में अलग-अलग समय पर शरीर में सेक्स हार्मोन का स्तर अलग-अलग होता है, जो सेक्स की इच्छा को प्रभावित करता है।
मुंबई मिरर में प्रकाशित शोध के आधार पर जानें किस समय पुरुषों और महिलाओं में बढ़ती है कामेच्छा और कब घटती है।
साथ ही, इसकी वजह क्या-क्या हैं।
जानें, अलग-अलग समय पर पुरुषों वा महिलाओं की कामेच्छा कैसी होती है। सुबह 5 बजेसुबह पांच बजे यानी सोकर उठने से जरा पहले पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर पूरे दिन की अपेक्षा 25 से 50 प्रतिशत अधिक होता है।
इसका कारण है शरीर का पिट्यूटरी ग्लैंड जो पुरुषों में सेक्स हार्मोन तेजी से बनाता है।
महिलाओं के शरीर में भी टेस्टोस्टेरोन होता है लेकिन सेक्स की इच्छा के लिए सिर्फ यही काफी नहीं है और उन्हें ओस्ट्रेजन और प्रोजेस्टरोन जैसे हार्मोन की जरूरत पड़ती है। इसलिए महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में सुबह कामेच्छा अधिक होती है। सुबह 6 बजेजर्नल ऑफ अमेरिकन असोसिएशन के शोध की मानें तो नींद के बाद सुबह 6 बजे के करीब पुरुषों के शरीर में पर्याप्त मात्रा में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन होता है इसलिए इस समय उनमें कामेच्छा व फर्टिलिटी अधिक होती है। सुबह 7 बजे इस समय पुरुषों के शरीर में सेक्स हार्मोन अधिक होता है लेकिन महिलाओं के शरीर में सेक्स हार्मोन सबसे कम होते हैं। यही वजह है कि पुरुषों में कामेच्छा तो इस वक्त अधिक होती हैं लेकिन महिलाएं इस मामले में ढीली पड़ जाती हैं। सुबह 8 बजे इस समय शरीर में सेक्स हार्मोन तो अधिक होता है लेकिन दिन की शुरुआत करने के तनाव के कारण शरीर में कोर्टिजोल नामक हार्मोन बनना शुरू हो जाता है जो कामेच्छा घटाता है।
दोपहर 12 बजे वेन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की मानें तो आमतौर पर सि समय पर पुरुष और महिलाएं, दोनों ही दिन की व्यस्तता में उलझे होते हैं जिससे उनके सेक्स हार्मोन सक्रिय नहीं होते हैं।
ऐसे में किसी प्रिय घटना या प्रिय व्यक्ति को देखकर उनके शरीर में एंड्रोफिन्स बनते हैं जो सेक्स हार्मोन को सक्रिय कर सकते हैं। चूंकि पुरुष सिर्फ टेस्टोस्टेरोन के बनने से भी उत्तेजित हो सकते हैं इसलिए उनकी उत्तेजना की संभावना अधिक होती है।
दोपहर 1 बजे यह वक्त आमतौर पर भोजन का समय माना जाता है और इस समय मस्तिष्क भूख से लेकर तरह-तरह के तनावों में उलझा होते है जिससे सेक्स हार्मोन सामान्य रहते हैं। शाम 6 बजेयूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोध की मानें तो शाम के इस पहर में पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होना शुरू होता है। वहीं महिलाओं में सेक्स हार्मोन अधिक सक्रिय होने लगते हैं। रात 8 बजे यह समय पुरुषों के सेक्स हार्मोन के लिए बहुत अप्रत्याशित होता है और तनाव का स्तर इन्हें बढ़ाने व घटाने में अहम रोल अदा करता है।
मसलन, टीवी पर चल रहे किसी मैच में जीतने पर टेस्टोस्टेरोन का स्तर 20 प्रतिशत बढ़ भी सकता है और मैच हारने पर इतना ही घट भी सकता है। रात 9 बजे इस समय पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्चेरोन का स्तर सबसे कम होता है जबकि महिलाओं के सेक्स हार्मोन क्रमशः बढ़ते हैं। रात 10 बजे के बाद यानी देर रात महिलाओं के शरीर में सेक्स हार्मोन सबसे अधिक सक्रिय होते हैं। पुरुषों के शरीर में सेक्स हार्मोन घट जाता है लेकिन यह सक्रिय रहता है जिससे कामेच्छा अधिक प्रभावित नहीं होती है।
महिलाओं के लिए यह समय तब सबसे अधिक महत्वपूर्ण है जब वे ओव्यूलेशन के दौर से गुजर रही होती हैं। इन दिनों इस समय वे सबसे अधिक फर्टाइल होती हैं।
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