महिलाएँ क्या चाहती हैं, क्या नहीं चाहती, आमतौर पर यह समझना बहुत मुश्किल
है। आम धारणा है कि महिलाओं के मन को समझना मुश्किल है लेकिन ऐसा नहीं है।
दरअसल महिलाएँ झिझक की वजह से बहुत सी ऐसी बातें हैं जो नहीं कह पाती।
यदि महिलाओं को कुछ अच्छा नहीं लगा या फिर वे अपने मन की कोई बात कहना चाहती हैं या फिर यौनक्रिया के दौरान, यौनक्रिया के बाद या पहले कुछ कहना चाहती हैं तो झिझक की वजह से अकसर कह नहीं पाती। पुरूषों में अक्सर यह जानने की इच्छा होती है कि महिलाएँ क्या चाहती हैं, आइए जानें आखिर महिलाएँ क्या चाहती हैं।
आमतौर पर महिलाओं को एक ऐसे साथी की जरूरत होती है जो उसे प्यार करे, उसकी केयर करे और उसको समझे लेकिन इसके अलावा भी महिलाएँ अपने साथी से उम्मीद करती है:
पति सही समय पर सही बात कहे और उसको महत्व देते हुए उसका सम्मान करे, उसके काम को महत्व दे।
यदि महिला नाराज है तो उसका मित्र उसे मनाए और उसका मूड खुश करने के लिए नए-नए तरीके अपनाए।
महिला की भावनाओं को समझे और उनका सम्मान करे।
महिला चाहती है कि उसका साथी उनके काम में उतना ही हाथ बंटाए और साथ दे जितना कि वह उसके कामों में सहयोग करती है।
अकसर महिलाओं को वे पुरूष पंसद आते हैं जो संवेदनशील होते हैं, समझदार होते हैं और महिलाओं का आदर सम्मान करते हैं।
हर महिला को अपनी प्रशंसा सुनना पसंद है और यह बात उस वक्त और भी विशेष हो जाती है जब उनका साथी उनकी प्रशंसा करता है।
महिलाएँ चाहे खुद बोल्ड और बिंदास नहीं हो पाती लेकिन वे चाहती हैं कि उनका पार्टनर उन्हें बोल्ड और बिंदास समझे न कि दब्बू।
महिलाओं का मन भी सेक्स करने का करता है और वह उसके बारे में बातचीत भी करना चाहती है लेकिन झिझक की वजह से नहीं कर पाती। ऐसे में वे चाहती हैं कि उनका पार्टनर ऐसा हो जो उन्हें गलत न समझते हुए उनकी भावनाओं को समझे और जिससे वह खुलकर अपने मन की बात कर सकें।
कुछ महिलाएँ जहाँ सेक्स पर बात करने और सेक्स करने से कतराती हैं, वहीं कुछ महिलाओं को इस पर बात करने में बेहद आनन्द आता है।
महिलाएँ चाहती हैं कि उनका साथी हमेशा ही सेक्स के बारे में न सोचे, न ही हमेशा इसके बारे में बात करें बल्कि उससे प्यार जताए। महिलाओं को वो पुरूष भी कम ही पसंद आते हैं जो सेक्स के बाद अलग हटकर सो जाते हैं लेकिन वे साथी अधिक अच्छे होते हैं जो सेक्स के बाद भी फोरप्ले करते हैं और अपनी साथी को अधिक से अधिक समय देते हैं।
प्यार की चरम सीमा तक पहुँचने के बाद भी महिलाएँ अपने पार्टनर से बातें करना पसंद करती हैं।
महिलाएँ क्या चाहती हैं, कब क्या सोचती हैं, यह कहना फिर भी बहुत मुश्किल है लेकिन इन सूत्रों के जरिए आप पता लगा सकते हैं कि आखिर महिलाएँ सोचती क्या–क्या है।
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यदि महिलाओं को कुछ अच्छा नहीं लगा या फिर वे अपने मन की कोई बात कहना चाहती हैं या फिर यौनक्रिया के दौरान, यौनक्रिया के बाद या पहले कुछ कहना चाहती हैं तो झिझक की वजह से अकसर कह नहीं पाती। पुरूषों में अक्सर यह जानने की इच्छा होती है कि महिलाएँ क्या चाहती हैं, आइए जानें आखिर महिलाएँ क्या चाहती हैं।
आमतौर पर महिलाओं को एक ऐसे साथी की जरूरत होती है जो उसे प्यार करे, उसकी केयर करे और उसको समझे लेकिन इसके अलावा भी महिलाएँ अपने साथी से उम्मीद करती है:
पति सही समय पर सही बात कहे और उसको महत्व देते हुए उसका सम्मान करे, उसके काम को महत्व दे।
यदि महिला नाराज है तो उसका मित्र उसे मनाए और उसका मूड खुश करने के लिए नए-नए तरीके अपनाए।
महिला की भावनाओं को समझे और उनका सम्मान करे।
महिला चाहती है कि उसका साथी उनके काम में उतना ही हाथ बंटाए और साथ दे जितना कि वह उसके कामों में सहयोग करती है।
अकसर महिलाओं को वे पुरूष पंसद आते हैं जो संवेदनशील होते हैं, समझदार होते हैं और महिलाओं का आदर सम्मान करते हैं।
हर महिला को अपनी प्रशंसा सुनना पसंद है और यह बात उस वक्त और भी विशेष हो जाती है जब उनका साथी उनकी प्रशंसा करता है।
महिलाएँ चाहे खुद बोल्ड और बिंदास नहीं हो पाती लेकिन वे चाहती हैं कि उनका पार्टनर उन्हें बोल्ड और बिंदास समझे न कि दब्बू।
महिलाओं का मन भी सेक्स करने का करता है और वह उसके बारे में बातचीत भी करना चाहती है लेकिन झिझक की वजह से नहीं कर पाती। ऐसे में वे चाहती हैं कि उनका पार्टनर ऐसा हो जो उन्हें गलत न समझते हुए उनकी भावनाओं को समझे और जिससे वह खुलकर अपने मन की बात कर सकें।
कुछ महिलाएँ जहाँ सेक्स पर बात करने और सेक्स करने से कतराती हैं, वहीं कुछ महिलाओं को इस पर बात करने में बेहद आनन्द आता है।
महिलाएँ चाहती हैं कि उनका साथी हमेशा ही सेक्स के बारे में न सोचे, न ही हमेशा इसके बारे में बात करें बल्कि उससे प्यार जताए। महिलाओं को वो पुरूष भी कम ही पसंद आते हैं जो सेक्स के बाद अलग हटकर सो जाते हैं लेकिन वे साथी अधिक अच्छे होते हैं जो सेक्स के बाद भी फोरप्ले करते हैं और अपनी साथी को अधिक से अधिक समय देते हैं।
प्यार की चरम सीमा तक पहुँचने के बाद भी महिलाएँ अपने पार्टनर से बातें करना पसंद करती हैं।
महिलाएँ क्या चाहती हैं, कब क्या सोचती हैं, यह कहना फिर भी बहुत मुश्किल है लेकिन इन सूत्रों के जरिए आप पता लगा सकते हैं कि आखिर महिलाएँ सोचती क्या–क्या है।
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