सेक्स को लेकर अकसर युवाओं के मन में शंका रहती है इसीलिए कोई सेक्स को बुरा मानने लगता है तो कोई अच्छा। सेक्स को लेकर आधी-अधूरी जानकारी के कारण लोग सेक्स को लेकर अपने-अपने विचार बना लेते हैं। कुछ लोग शादी के बाद ही सेक्स को सही मानते हैं तो कुछ लोग सेक्स को सिर्फ बोरियत मिटाने का जरिया मानते हैं।
कई बार लोगों के मन में सेक्स एक टैबू की तरह घर कर जाता है। ऐसे में क्या आप जानना नहीं चाहेंगे सेक्स से जुड़ी सच्चाईयों और भ्रम के बारे में। आइए जानते हैं क्या है सेक्स से संबंधित मिथ और फैक्ट्स। हमेशा सेक्स अच्छा नहीं लोग अकसर मानते हैं कि सेक्स करना सेहत के लिए अच्छा होता है लेकिन क्या आप जानते है सेक्स के बीच गैप होना भी बेहद जरूरी है। खासतौर पर इंफेक्शन, पीरियड्स, कोई यौन संक्रमित बीमारी या फिर तनाव के दौरान सेक्स करने से बचना चाहिए। मानसिक जुड़ाव जरूरी अकसर माना जाता है कि सेक्स शारीरिक जरूरत है लेकिन क्या आप जानते हैं सेक्स मानसिक और भावनात्मक सुकुन भी देता है। सिर्फ शरीर की जरूरत के लिए ही सेक्स करना ठीक नहीं। शादी के पहले सेक्स से फर्क नहीं अकसर लोगों में मिथ होता है कि शादी से पहले सेक्स का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। लेकिन यदि आप प्रीकॉशन्स नहीं लेते तो इसका दुष्प्रभाव जरूर पड़ सकता है। इतना ही नहीं बेशक शादी से पहले शारीरिक तौर पर कोई फर्क ना पड़ता हो लेकिन इसका मानसिक दुष्प्रभाव जरूर होता है। इससे वैवाहिक जीवन पर बुरा असर पड़ सकता है। नशे में सेक्स का मजा दोगुना आमतौर पर ये मिथ है कि नशे की हालत में सेक्स करने से व्यक्ति अधिक एन्जॉय करता है। जबकि ऐसा नहीं है। दरअसल, नशे के दौरान व्यक्ति की इंद्रियां क्षीण पड़ने लगती हैं जिससे उसे समय से पहले ही नींद आने लगती है ऐसे में यदि नशा करके व्यक्ति सेक्स करता है तो वो ना सिर्फ जल्दी थक जाता है बल्कि जल्दी ही उसे नींद आ जाती है, इससे उसके पार्टनर को भी ठीक तरह से सेक्स संतुष्टि नहीं हो पाती। सेक्स पर खुलकर न बोलना बीमारी कई लोग इस मिथ को मानते हैं कि यदि कोई व्यक्ति सेक्स पर खुलकर बात नहीं कर रहा या अपनी सेक्सुअल इच्छाओं को बयान नहीं कर रहा तो उसको जरूर कोई ना कोई बीमारी है। जबकि ये गलत है। कई बार व्यक्ति संकोचवश तो कई बार अपने व्यवहार के कारण भी सेक्स को लेकर खुलकर बात नहीं कर पाता। कम उम्र में सेक्स के कोई दुष्प्रभाव नहीं आमतौर पर ये मिथ है कि कम उम्र में सेक्स करने से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन क्या आप जानते हैं कम उम्र में सेक्स करने से ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक विकास पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। पीरियड्स के दौरान सेक्स सेफ है अकसर महिलाओं का सोचना होता है कि यदि वे पीरियड्स के दौरान सेक्स करेंगी तो उन्हें प्रेग्नेंसी की या अन्य कोई समस्या नहीं होगी। जबकि ये सिर्फ एक मिथ है। पीरियड्स के दौरान यदि बिना प्रीकॉशन्स के सेक्स किया जाता है तो ना सिर्फ महिला प्रेग्नेंट हो सकती है बल्कि वे एसटीडी/एड्स या इंफेक्शन इत्यादि का शिकार भी हो सकती है। आमतौर पर इसी तरह के कई और मिथ और भ्रम हैं जिनसे लोग अनजान होते हैं और इसी कारण सेक्स संबंधी गलत धारणाएं मन में बना लेते हैं। लेकिन आप इन गलतफहमियों से बच सकते हैं यदि आप सही तरह से सेक्स की गाइडलाइन्स लें या फिर डॉक्टर से खुलकर सलाह-मशविरा लें।
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कई बार लोगों के मन में सेक्स एक टैबू की तरह घर कर जाता है। ऐसे में क्या आप जानना नहीं चाहेंगे सेक्स से जुड़ी सच्चाईयों और भ्रम के बारे में। आइए जानते हैं क्या है सेक्स से संबंधित मिथ और फैक्ट्स। हमेशा सेक्स अच्छा नहीं लोग अकसर मानते हैं कि सेक्स करना सेहत के लिए अच्छा होता है लेकिन क्या आप जानते है सेक्स के बीच गैप होना भी बेहद जरूरी है। खासतौर पर इंफेक्शन, पीरियड्स, कोई यौन संक्रमित बीमारी या फिर तनाव के दौरान सेक्स करने से बचना चाहिए। मानसिक जुड़ाव जरूरी अकसर माना जाता है कि सेक्स शारीरिक जरूरत है लेकिन क्या आप जानते हैं सेक्स मानसिक और भावनात्मक सुकुन भी देता है। सिर्फ शरीर की जरूरत के लिए ही सेक्स करना ठीक नहीं। शादी के पहले सेक्स से फर्क नहीं अकसर लोगों में मिथ होता है कि शादी से पहले सेक्स का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। लेकिन यदि आप प्रीकॉशन्स नहीं लेते तो इसका दुष्प्रभाव जरूर पड़ सकता है। इतना ही नहीं बेशक शादी से पहले शारीरिक तौर पर कोई फर्क ना पड़ता हो लेकिन इसका मानसिक दुष्प्रभाव जरूर होता है। इससे वैवाहिक जीवन पर बुरा असर पड़ सकता है। नशे में सेक्स का मजा दोगुना आमतौर पर ये मिथ है कि नशे की हालत में सेक्स करने से व्यक्ति अधिक एन्जॉय करता है। जबकि ऐसा नहीं है। दरअसल, नशे के दौरान व्यक्ति की इंद्रियां क्षीण पड़ने लगती हैं जिससे उसे समय से पहले ही नींद आने लगती है ऐसे में यदि नशा करके व्यक्ति सेक्स करता है तो वो ना सिर्फ जल्दी थक जाता है बल्कि जल्दी ही उसे नींद आ जाती है, इससे उसके पार्टनर को भी ठीक तरह से सेक्स संतुष्टि नहीं हो पाती। सेक्स पर खुलकर न बोलना बीमारी कई लोग इस मिथ को मानते हैं कि यदि कोई व्यक्ति सेक्स पर खुलकर बात नहीं कर रहा या अपनी सेक्सुअल इच्छाओं को बयान नहीं कर रहा तो उसको जरूर कोई ना कोई बीमारी है। जबकि ये गलत है। कई बार व्यक्ति संकोचवश तो कई बार अपने व्यवहार के कारण भी सेक्स को लेकर खुलकर बात नहीं कर पाता। कम उम्र में सेक्स के कोई दुष्प्रभाव नहीं आमतौर पर ये मिथ है कि कम उम्र में सेक्स करने से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन क्या आप जानते हैं कम उम्र में सेक्स करने से ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक विकास पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। पीरियड्स के दौरान सेक्स सेफ है अकसर महिलाओं का सोचना होता है कि यदि वे पीरियड्स के दौरान सेक्स करेंगी तो उन्हें प्रेग्नेंसी की या अन्य कोई समस्या नहीं होगी। जबकि ये सिर्फ एक मिथ है। पीरियड्स के दौरान यदि बिना प्रीकॉशन्स के सेक्स किया जाता है तो ना सिर्फ महिला प्रेग्नेंट हो सकती है बल्कि वे एसटीडी/एड्स या इंफेक्शन इत्यादि का शिकार भी हो सकती है। आमतौर पर इसी तरह के कई और मिथ और भ्रम हैं जिनसे लोग अनजान होते हैं और इसी कारण सेक्स संबंधी गलत धारणाएं मन में बना लेते हैं। लेकिन आप इन गलतफहमियों से बच सकते हैं यदि आप सही तरह से सेक्स की गाइडलाइन्स लें या फिर डॉक्टर से खुलकर सलाह-मशविरा लें।
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