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हस्तमैथुन का सच !!!!

जब हम बड़े होने लगते है तो हरमोंनस  बदलाव की वजह से हम विपरीत लिंग की तरफ आकर्षित होने लगते है .हमे हर विप्र्ती लिंग के व्यक्तित्व से अनायास ही खिंचाव महसूस होता है . इस दौर में किशोरों के मन में काम-क्रीडा के प्रति अत्यधिक जिज्ञासा होती है .इसी वजह से वो लोग इस सुख को महसूस करने के बारे में सोचने लगते है .
किशोर अवस्था में उतेजक फिल्मो,कहानियों आदि की वजह से उतेजित होकर हम में से ज्यादातर लोगो ने अपने युवाकाल /किशोर अवस्था में हस्तमैथुन जरूर किया होगा.
जब किशोरों को विपरीत लिंग से कामक्रीड़ा का मौका नही मिल पता तो वो अपनी आतुरता शांत करने के लिए अपने हाथो का सहारा लेते है .वो अपने हाथो से अपने निजी अंगो को सहलाकर, उनसे छेड़छाड़ करके अपनी जिज्ञासा शांत कर लेते है .लेकिन इस बिच उनको हस्तमैथुन/ऊँगलीमैथुन से होने वाली समस्याओ के बारे में जानकारी नही होती.

हस्तमैथुन/ऊँगलीमैथुन को हम अप्राकृतिक सेक्स मानते है .

इससे एकबार तो जिज्ञासा शांत हो जाती है लेकिन इससे हमारे निजी अंगो की माश्पेशियो में कमजोरी आ जाती है
इस वजह से निजी अंग ढीले पड़ने लगते है .
अप्राकृतिक सम्बन्धो से आदमी में हिन्-भावना आजाती है
कमजोरी की वजह से आदमी/औरत शादी करने से घबराने लगते है
इसलिए , एक चिकित्सक के नाते सबको यही सलाह है की अप्राकृतिक तरीके से होने वाले नुक्सान से जागरूक हो जाये और समय रहते अपने आप को सम्भाल ले !
हस्तमैथुन से मनुष्य दिमागी और शारीरिक दोनों रूप से कमजोर महसूस करेगा. भविष्य के लिए "अनमोल पदार्थ" को बचाकर रखे और अपनी आने वाली शादीशुदा जिन्दगी को तबाह होने से बचाए!



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जोश-ए-जवानी

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