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संभोग में सीधे प्रवेश की जगह करें चुंबन से शुरुआत

संभोग में सीधे प्रवेश की जगह दंपत्तियों के एक-दूसरे को चूमना, सहलाना और छेड़छाड़ करने से प्‍यार प्रगाढ़ होता है। फिर संभोग केवल एक वासना नहीं होकर, प्‍यार बन जाता है। कामसूत्र में प्‍यार में गहरे उतरने से पहले चुंबन की सलाह दी गई हैा ऊपरी होंठ व अधर (निचले होंठ) के चुंबन में एक नशा सा छाता जाता है
और स्‍त्री पुरुष प्‍यार में सरोबार होते चले जाते हैं। जब नशा धीरे-धीरे बढ़ने लगात है तो चुंबन का दायरा, होंठ, मस्‍तक, आंख और गाल से नीचे उतरते हुए स्‍तन, उसके चुचूक, बगलों, नाभी, जांघों के जोड़ और फिर उसके नीचे सरकता चला जाता है। बदन के हर हिस्‍से में किया गया चुंबन, प्रेमियों के अंदर प्‍यार की ज्‍वार उत्‍पन्‍न कर देता है जो आखिर में संभोग में स्‍खलन के बाद ही उतरता है।
वात्‍स्‍यायन ने लिखा है कि होंठों व मुख के अलावा किए जाने वाले चुंबन का चार भेद है
*सम- यह चुंबन दोनों जांघों के जोड़, नितंब, बगलों और स्‍त्री द्वारा पुरुष के सीने पर किया जाता है

*पीडि़त- यह चुंबन स्‍तनों, दोनों गालों, नाभी और नाभी के नीचे पेड़ू पर किया जाता है

*अंचित- यह स्‍तनों और दोनों बगलों(कांख) पर किया जाता है

*मृदु- यह ललाट एवं आंखों पर किया जाता है

चुंबन भड़काती है वासना की आग- यह स्‍त्री या पुरुष में से कोई सो रहा हो और उसके दूसरे साथी का मन प्‍यार के लिए मचल रहा हो तो वह सोते हुए साथी पर चुंबनों की बौछार करते हुए उसे जगाने की चेष्‍टा करता है। इससे सोए हुए साथी के अंदर भी वासना भड़क उठती है और दोनों प्‍यार में सराबोर हो जाते हैं।


काम में मशगुल साथी को रिझाए- जब एक साथी काम में मशगुल हो और दूसरे का मन प्‍यार करने के लिए तड़प रहा हो तो वह उस पर सवार होकर चुंबनों की बौझार कर सकता है। इससे दूसरा साथी समझ जाता है कि उसका साथी क्‍या चाह रहा है। आज के संदर्भ में लैपटॉप और फेसबुक पर व्‍यस्‍त साथी को बिस्‍तर पर लाने के लिए चुंबन से बेहतर कोई हथियार नहीं हो सकता। यह चुंबन हर तरह के मर्यादा को तोड़ने वाली हो तो कितना ही व्‍यस्‍त साथी हो, संभोग के लिए मचल उठेगा।


संभोग के प्रति उदासीन साथी में भी भरता है रोमांच- संभोग के प्रति यदि एक साथी काफी दिनों से उदासीनता भरा बर्ताव कर रहा हो तो उसके अंदर इच्‍छा जागृत करने के लिए पहले उसके शरीर की मालिश से शुरुआत करनी चाहिए। फिर मसाज के साथ-साथ एक-एक अनावृत अंग पर गर्म होठों की तपिश उसके अंदर चिंगारी भड़काना शुरू कर देता है।

ऐसे क्षण में जांघों पर किया जाने वाला चुंबन सीधे तीर की तरह सारे बदन में उतर जाता है और सिहरन पैदा कर देता है। फिर पैर, उसकी ऊंगलियों व उसके पोरों पर चुंबन और उसे मुंह में भरकर चूसने की प्रक्रिया उदासीन साथी को संभोग के लिए आतुर कर देगा।



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जोश-ए-जवानी

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